Pollution In Delhi: एक बार फिर दिल्ली में लोगों का दम घुटने लगा है। दिल्ली के पॉल्यूशन का स्तर दिन पर दिन बढ़ रहा है। इस स्थिति में लोग खुली हवा में सांस नहीं ले पा रहे हैं। इसके साथ-साथ कई सारी बीमारियों का खतरा भी लोगों पर मंडरा रहा है। रिसर्च में पाया गया है कि पॉल्यूशन से लोगों की उम्र भी कम हो रही है। तो आइए जानते हैं विस्तार से।

एयर पॉल्यूशन से कम हो रही है उम्र

रिसर्च में पाया गया है कि भारत प्रदूषित देशों की गिनती में आता है। भारत की 40 प्रतिशत आबादी उत्तरी क्षेत्र में रहती है। इसमें दिल्ली और कोलकाता का सबसे उच्च स्थान है। यहां पर प्रदूषण की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। इन दो राज्यों में रहने वाले लोगों की उम्र बढ़ते पॉल्यूशन से कम होती जा रही है। शिकागो विश्वविद्यालय के ऊर्जा नीति संस्थान के वायु गुणवत्ता लाइफ इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ते एयर पॉल्यूशन के कारण लोगों की उम्र 9 साल कम हो रही है। वहीं पॉल्यूशन कम होने से लोगों की उम्र 5.6 साल बढ़ती है। इसलिए यहां के लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है।

एयर पॉल्यूशन से लोगों पर पड़ रहा गहरा असर

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। अधिक आबादी, उद्योग और वाहन से निकलते धुएं के कारण लोगों के सेहत पर इसका गहरा असर पड़ रहा है। धुएं में मौजूद सुक्ष्म कण लोगों में कई सारी बीमारियों का कारण बन रहा है। इससे लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। वरना इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। तो आइए जानते हैं, पॉल्यूशन से किन बीमारियों का है खतरा।

फेफड़ों का कैंसर

एक स्टडी में पायी गई है कि एयर पॉल्यूशन से फेफड़ों में कैंसर हो सकता है। जी हां, पॉल्यूशन के कारण फेफड़ों की समस्या बढ़ने लग जाती है। ये गले और मुंह के कैंसर का भी कारण बनता है। इसलिए अगर आप दिल्ली या कोलकाता में रहते हैं तो नियमित रूप से मास्क लगाकर ही बाहर जाएं। इससे आप जानलेवा बीमारी कैंसर से बचे रहेंगे।

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अस्थमा का अटैक

बढ़ते पॉल्यूशन के साथ बीमारियों का खतरा बढ़ने लग जाता है। अमेरिकन लंग एसोसिएशन के रिसर्च में पता चला है कि बढ़ते पॉल्यूशन में जो लोग सांस लेते हैं उनमें अस्थमा का खतरा बढ़ने लग जाता है। इसमें स्वस्थ लोग भी अस्थमा के चपेट में आ सकते हैं। इसलिए उन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत है। इसी के साथ जिन लोगों में पहले से अस्थमा की समस्या है उनके लिए ये और भी खतरनाक हो सकता है। इससे उनकी तबियत और भी बिगड़ सकती है। वर्ष 2018 की रिपोर्ट में एक आंकड़ा सामने आया था कि एयर पॉल्यूशन के कारण अमेरिका के 60 लाख बच्चे एक साल में अस्थमा के शिकार हुए थे। ये आंकड़ा चौका देने वाला है लेकिन इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। इसलिए बढ़ते पॉल्यूशन के साथ और भी सावधान रहना चाहिए।

दिल की बीमारी का खतरा

बदलते वातावरण के साथ दिल की बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। दूषित प्रदूषण में सांस लेने से तंत्रिका तंत्र में शिथिलता आने लगती है। इससे शरीर में कई सारी गंभीर बीमारी उत्पन्न होने लगती है। इससे दिल की बीमारी, निमोनिया होने का खतरा भी बढ़ता है। मगर इससे बचने के लिए व्यक्ति को अपने लाइफस्टाइल, स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। तभी आप इस जानलेवा प्रदूषण से बच सकते हैं।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, DNP INDIA न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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