विश्व में एक बार फिर कोरोना का नया वेरिएंट कोहराम मचा रहा है। भारत में भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि तीसरी लहर का कारण यह नया वेरिएंट ओमिक्रॉन बन सकता है। हाल फिलहाल भारत में इस वेरिएंट के 161 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए अलग-अलग वैज्ञानिक भी अलग-अलग तरह के तर्क प्रस्तुत कर रहे हैं। इन सबके बीच डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने भी चेतावनी जारी की है। यहां के वैज्ञनिकों के अनुसार आने वाला महीना खतरनाक हो सकता है। 

वॉशिंगटन पोस्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है कि डेनमार्क में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यहां पर कोरोना के मामले पहले के मुकाबला बढ़े हैं। डेनमार्क के स्‍टेट सीरम इंस्‍टीट्यूट के महामारी रोग वैज्ञानिक टायरा ग्रोव कूस ने अपने वक्तव्य में कहा कि “आने वाला महीना सबसे खतरनाक होगा।” ग्रोव के अनुसार आने वाले महीने में ना सिर्फ कोरोना के मामले बढ़ेंगे, बल्कि अस्पतालों पर भी एक बार फिर बोझ पड़ना शुरू हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि “डेनमार्क का जो डाटा सामने आया है। उसके अनुसार चाहे वैक्सीन की डोज 2 लगी हो या एक, खतरा उतना ही होगा। हालांकि जिन लोगों ने वैक्सीन की बूस्टर डोज ली है। उनको कोरोना होने का खतरा कम होगा।”

ग्रोव- रोज आएंगे 500 से ज्यादा मामले

अब जब से वैज्ञानिकों ने अपने तर्क प्रस्तुत करें हैं, तब से ही चिंता और भी ज्यादा बढ़ गई है। इस बीच स्‍टेट सीरम इंस्‍टीट्यूट की वैज्ञानिक टायरा ग्रोव कूस ने यह भी कहा है कि जनवरी में रोज 500 से ज्यादा मरीज सामने आ सकते हैं और अगर इस वैरिएंट का नेचर डेल्टा वेरिएंट के जैसा ही हुआ तो केस बढ़ सकते हैं। यानी रोज 800 से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं।

इस बीच अगर भारत के बात की जाए तो भारत में हाल-फिलहाल 12 राज्यों में अब तक वह ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं। यह संख्या जो पहले बहुत कम थी अब 161 के आंकड़े तक पहुंच चुकी है। अलग अलग राज्य के अनुसार यदि संख्या देखें, तो महाराष्ट्र में 54, दिल्ली में 32, तेलंगाना में 20, राजस्थान में 17 गुजरात में 13, केरल में 11, कर्नाटक में 8, उत्तर प्रदेश में 2 और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल में एक-एक ओमिक्रॉन से जुड़ा मामला सामने आया है।

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