West Bengal: हाल ही में पश्चिम बंगाल की सत्तारुढ़ पार्टी टीएमसी की प्रमुख व प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ट्विटर अकॉउंट की डीपी बदलते हुए आजादी के 75 वर्ष के जश्न में स्वतंत्रता सैनानियों की एक तस्वीर लगाई। ममता बनर्जी की इस डीपी में महात्मा गाँधी , भगत सिंह , सरदार पटेल , सुभास चंद्र बोष , लाल बहादुर शास्त्री , राजा राम मोहन राय समेत तमाम आजादी के महानायक नजर आ रहे हैं। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इन आजादी के सैनानियों में ममता ने जवाहरलाल नेहरू को जगह तक नहीं दी थी। इसके बाद से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोशल मीडिया पर चर्चा का केन्द्र बनी हुई हैं। चर्चा की शुरुआत यूं तो ममता बनर्जी ने खुद कर दी है, लेकिन कांग्रेस इस चर्चे को विवाद में तब्दील कर दिया है। इसके बाद से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदेश कांग्रेस आमने-सामने है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कंसे जा रहे हैं। इसके साथ ही इसको लेकर कांग्रेस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोर आलोचना कर रही है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए इस कोलाज को लेकर विवाद इस कदर बढ़ गया है कि दोनों दल ट्विटर पर आकर एक-दूसरे के प्रति अपनी बात रख रहे हैं। देखते ही देखते दोनों दलों की ओर से अब तक कई ट्वीट किए जा चुके हैं। इनमें कांग्रेस की आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किए गए हैं। बंगाल कांग्रेस ने एक ऐसे व्यक्ति के ट्वीट को रीट्वीट किया है, जिसकी बेटी ने भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए भाषण में ‘Tryst with Destiny’ का स्केच बनाया है। वहीं, इस सबके बीच एक ट्विटर यूजर अभिषेक बनर्जी ने लिखा है, “मेरी बेटी ने पहले स्वतंत्रता दिवस के क्षण को चित्रित कर कुछ बुनियादी इतिहास के पाठ को याद दिलाने की कोशिश की है। “
बताते चलें कि इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कांग्रेस ने 14 अगस्त को ममता बनर्जी और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए लिखा: “एक बच्ची द्वारा @MamataOfficial @AITCofficial को इतिहास का पाठ! क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अपने स्वतंत्रता दिवस डीपी से देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को जानबूझकर हटा दिया। ” बता दें कि पश्चिम बंगाल में शुरु हुआ विवाद थमा ही नहीं ता कि दूसरा विवाद कर्नाटक से सामने आया है। यहां भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए स्वतंत्रता दिवस पर कर्नाटक सरकार के विज्ञापन में प्रकाशित स्वतंत्रता सेनानियों की सूची से जवाहरलाल नेहरू के नाम को हटा दिया गया है, इससे दक्षिणी राज्य में सियासी खलबली मच गई है।
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