पिछले एक साल से किसान हर मौसम के थपेड़ों को झेलते हुए अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे थे। हालांकि सरकार ने उनकी सारी मांगों को मानते हुए नए तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया। इस 1 साल के दौरान पूरे देश ने किसानों की एकता का एक अलग ही गठजोड़ देखा था। इस पूरे आंदोलन को कुछ किसान नेताओं ने मिलकर संभाला था जिसमें से एक हैं गुरनाम सिंह चढूनी। गुरनाम सिंह का पूरे किसान आंदोलन में अहम रोल रहा। जब वो स्टेज पर किसानों से बात करते थे तो सभी किसानों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता था। अब किसान नेता गुरनाम सिंह सियासत की राह पर निकल चुके हैं। गुरनाम सिंह आज अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने वाले हैं।

पूरा देश देखेगा पंजाब मॉडल- चढूनी


गौरतलब है कि चढूनी का राजनीतिक दल बनाने का फैसला पंजाब में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया है। 26 नवंबर को वापस, बीकेयू नेता ने देश के सामने एक ‘पंजाब मॉडल’ रखने की पेशकश की थी ताकि बाकी राज्य एक उदाहरण के रूप में अनुसरण कर सकें। अगर वाकई ऐसा होता है तो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चले आंदोलन के विरोध से उभरने वाला ये पहला राजनीतिक दल होगा।कल मीडिया से बात करते हुए चढूनी ने कहा था कि मैं पंजाब का चुनाव नहीं लड़ रहा हूं बल्कि लोगों को चुनाव लड़ने और एक मॉडल (शासन का) पेश करने के लिए इकट्ठा कर रहा हूं। हम चुनाव के लिए अपनी पार्टी बनाएंगे… अगर हमारी सरकार पंजाब में आती है, तो 2024 (राष्ट्रीय) चुनावों में पूरा देश पंजाब मॉडल को देखेगा…।

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जनता करेगी शासन, पैसे वाले लोग नहीं- चढूनी


उन्होंने कहा कि”हम ‘मिशन पंजाब’ चला रहे हैं – जिनके पास वोट हैं उन्हें शासन करना चाहिए, न कि जिनके पास पैसा है। गौरतलब है कि चढूनी ने केंद्र के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किया और पंजाब और हरियाणा से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बता दें कि आज चढूनी चंडीगढ़ में पार्टी का ऐलान कर सकते हैं।

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