Free Trade Agreement: ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने इस्तीफा दे दिया है। वह मात्र 45 दिन ही प्रधानमंत्री के पद पर रहीं। उन्होंने 6 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री पद संभाला था। इसी के साथ लिज ट्रस ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम कार्यकाल वाली प्रधानमंत्री बन गईं। बता दें कि दो दिन पहले ही सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का बड़ा बयान सामने आया था जब लिज ट्रस को तलब कर इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। मीडया रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी कैबिनेट में शामिल वित्त मंत्री और गृह मंत्री पहले ही अपना पद छोड़ चुके हैं। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से ही लिज ट्रस विरोधियों के निशाने पर थीं। इतना ही नहीं खबरों की मानें तो टैक्स कटौती को लेकर उनकी ही पार्टी के सांसद आलोचना कर रहे थे, जिसके बाद सरकार को अपने फैसले पर यू-टर्न लेना पड़ा था।

अब इसके बीच ब्रिटेन में जारी राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। जानकारों की मानें तो भारत पर भी ब्रिटेन में जारी इस सियासी उठापटक का असर पड़ने वाला है। लंबे समय से चर्चा चल रही है कि भारत और ब्रिटेन के बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होगा। लेकिन लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद ये एग्रीमेंट फिर बीच मझधार में फंसने की संभावना है। इस सबके बीच भारतीय मूल की ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन का बड़ा बयान सामने आया है। बयान को देखकर ये कहा जा सकता है कि उनकी सुर बदल गई हैं। उन्होंने अब फ्री ट्रेड का समर्थन किया और कहा कि भारतीय प्रवासियों की ही वजह से ब्रिटेन आज समृद्ध है। उन्होंने कहा कि ट्रेड और वीजा पर ब्रिटेन की यूरोप जैसी मानसिकता नहीं है। सुएला ब्रेवरमैन ने आगे कहा कि फ्री ट्रेड को अमलीजामा पहनाने के लिए दोनों देश उत्सुक हैं। बता दें कि उक्त बातें ब्रिटिश गृह मंत्री ने इंडिया ग्लोबल फोरम में आयोजित एक दिवाली कार्यक्रम में कही हैं। गौरतलब है कि इससे पहले सुएला ब्रेवरमैन ने भारत-ब्रिटेन के बीच होने वाले फ्री ट्रेड डील का विरोध किया था।

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भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले फ्री ट्रेड डील

जानकारी के मुताबिक, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दो या फिर इससे ज्यादा देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के आयात और निर्यात में रुकावटों को कम करने के लिए समझौता है। इसके अलावा इस समझौते से व्यवसाय करने वाले दोनों देशों को विशेष फायदा होता है। जानकारों की मानें तो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में कोटा, टैरिफ, सब्सिडी या फिर प्रतिबंध को कम किया जाएगा जो सीमाओं के पार वस्तुओं और सेवाओं के लाने ले जाने की सीमित कर सकता है।

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Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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