उकेन संकट: बीते गुरुवार को रूस ने यूक्रेन पर युद्ध छेड़ दिया जिससे लगभग 16,000 भारत के नागरिक यूक्रेन में फंस गए। रूस के तीसरे दिन के हमले में यूक्रेन का क्रेमलिन एरिया प्रभावित हो रहा है।

भारत ने शनिवार को अपने ताज़ा बयान में कहा यूक्रेन में, सभी बॉर्डर पर स्थिति “संवेदनशील” है, और देश छोड़ने की कोशिश कर रहे नागरिकों को सरकारी अधिकारियों के इजाज़त के बिना आगे नहीं बढ़ना चाहिए। करीब 16,000 भारतीयों के यूक्रेन में होने की खबर है जिस पर गुरुवार को रूस ने हमला किया था। क्रेमलिन के राजधानी शहर कीव को निशाना बनाने के साथ आक्रामक तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है, “यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सीमा चौकियों (स्थापित हेल्पलाइन नंबर) और भारतीय दूतावास, कीव के आपातकालीन नंबरों पर भारत सरकार के अधिकारियों के इजज़ात के बिना किसी भी सीमा चौकियों पर न जाएं।” इसमें आगे कहा गया, “विभिन्न सीमा चौकियों पर स्थिति संवेदनशील है और दूतावास पड़ोसी देशों में हमारे दूतावासों के साथ मिलकर हमारे नागरिकों को निकालने के लिए काम किया जा रहा है।”

https://twitter.com/IndiainUkraine/status/1497404359436554242?s=20&t=A6Ww1FAB-L4PLxvkv4MBdg

सरकार ने आग्रह किया है कि यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में पानी, भोजन, आवास और बुनियादी सुविधाओं की पहुंच के साथ सुरक्षित माहौल देने सरकार का लक्ष्य है। इसके साथ पूर्वी भागों में रहने वालों को जितना हो सके “अनावश्यक आवाजाही से बचने” की सलाह दी गई है। यूक्रेन के हवाई क्षेत्र के बंद होने के साथ ही भारत ने हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया गणराज्य की मदद से भूमि मार्ग तैयार किए हैं। शुक्रवार को सूत्रों ने कहा कि निकासी का खर्च सरकार वहन करेगी।

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एमईए के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा “विदेश मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को यूक्रेन से भारतीयों का पहला जत्था रोमानिया पहुंचा। उकरी से निकाले गए लोगों का पहला जत्थाऐनी सुसेवा सीमा पार से रोमानिया पंहुचा है। सुसेवा में हमारी टीम अब भारत की अपनी आगे की यात्रा के लिए बुखारेस्ट की यात्रा की सुविधा प्रदान करेगी।”

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