मथुरा। जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा के प्रबंधन संकाय द्वारा आयोजित एचआर काॅन्क्लेव 21 में प्रथम सत्र के दौरान मुख्य अतिथि एवं जेकेसमूह के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी प्रेम सिंह ने कोरोना संकट के प्रभाव और परिणाम स्वरूप मानव संसाधन के परिपेक्ष्य में आये बदलावो पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि आज के समय में मानव संसाधन का क्षेत्र विस्तृत हो चुका है एवं समयानुसार हो रहे बदलावों व चुनौतियों को समाहित करते हुए केवल कर्मचारियों के चयन व वेतन तक ही सीमित नहीं हैं। बदलते परिवेश में संस्थान से कर्मचारियों की बदलती अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए समुचित रणनितियों का निर्धारण करना बेहद आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि बेहद जरूरी है कि कर्मचारियों की क्षमताओं को सही ढंग से पहचानते हुए उन्हें विकसित करने पर ध्यान दिया जाय।
शनिवार को जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा के प्रबंधन संकाय ने देश की जानीं मानीं कंपनियों के उच्च पदस्थ अधिकारियों व विशय-विषेशज्ञोंएक मंच पर लाते हुए विद्यार्थियों को मानव संसाधन के क्षेत्र में हुए बदलावों एवं परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई आवश्यकताओं व चुनौतियों से रूबरू करवाया।रोजगार की राह को आसानी से पाने के मुद्दों को जानने के लिए विद्यार्थियों ने भी अपने आप को मंच की ओर समर्पित कर दिया।काॅन्क्लेव तीन सत्रों में आयोजित हुई। शुभारंभ सत्र में विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, डीन कंसलटेंसी प्रो. सोमेष धमीजा, प्रो अरुणा धमीजा, डाॅ. उत्कल खंडेलवाल ने आयोजन संग जुड़ने के लिए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त और स्वागत किया। विशय प्रवर्तन करते हुए प्रबंधन संकाय निदेषक प्रो. अनुराग सिंह ने काॅन्क्लेव के आयोजन के उद्देश्य और अपेक्षाओं पर बात की। विशिश्ट अतिथि के हीरानंदानी समूह के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी चंदर थापर ने कहा कि मानव संसाधन अधिकारियों के लिए यह बेहद आवश्यक है कि वे सभी कर्मचारियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करें और उनकी क्षमताओं को पहचानते हुए इसका भान कर्मचारियों को भी
करायें, जिससे उनकी प्रतिभा को निखारा जा सके एवं सही उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।


एफल इंडिया के एंटरप्राइज बिजनेस डेवलपमेंट डायरेक्टर अनुज त्रिपाठी ने कहा कि महामारी के कारण उत्पन्न हुए अनिश्चता के माहौल के कारण कर्मचारियों व संस्थान दोनों की ही एक दूसरे के प्रति अपेक्षाआंे में खासा बदलाव देखने को मिला है। होवर रोबोटिक्स के सीईओ. मुनीश जिंदल ने इस आयोजन को समसामयिक बताते हुए अपने अनुभवों को श्रोताओं के साथ साझा किया और कहा कि समय के साथ प्राथमिकताओं में खासा बदलाव हुआ है एवं तकनीकी बदलावों ने मानव संसाधन के क्षेत्र में खासी सहूलियतें प्रदान की हैं।


द्वितीय सत्र के सत्राध्यक्ष एवं एचसीएल कंपनी के सलाहकार एवं लेखक आर आनंद ने कहा कि संस्थान की प्रगति में उसके मानव संसाधन का खासा योगदान होता होता है और समय के साथ मानव संसाधन के क्षेत्र में खासा बदलाव आया है एवं तमाम नयी चुनौतियां भी सामने आई है।मानव संसाधन संबंधी नीतियों, नियम-कानूनों में बदलाव व कर्मचारियों की सोच में परिवर्तन संग सामंजस्य बिठा पाना किसी चुनौती से कम नहीं, लेकिन यह सामंजस्य ही उन्नति और सफलता की कुंजी भी है। ऐसेंचर से अग्निवेश ठाकुर, ल्युपिन लिमिटेड के मानव संसाधन के प्रमुख सलूजा, एसयूसीजी इंफ्रास्ट्रक्चर के डीजीएम लीडर इंडिया रीजन एचआर संदीप सिंह ससन, एक्स्ट्रामाक्र्स एजुकेशन के उपाध्यक्ष वा मानव संसाधन प्रमुख आशीष बंसल, मदर डेरी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी प्रद्युम्न पांडे, ईकाॅम एक्सप्रेस के एग्जीक्यूटिव वीपी एंड
सीएचआरओ सौरभ सिंग्ला, दून एंड ब्राॅड स्ट्रीट के हैड इंडिया टेलैंट के विष्वंध राजू, बॉस्टन कंसलिं्टग ग्रुप के मानव संसाधन निदेशक दिग्वंत चक्रवर्ती नगाता इंडिया के हैड एचआर संजय त्रिवेदी, इंडिया विले के एचआर कंट्री लीड नीरज राणा, जीदस वेलनेस के हैड एचआर डाॅ भूपेंद्र कोशल, पाॅलीप्लास्टिक के सीएचआरओ संजय जैन, पोरटेक के हैड एचआर कुलदीप गुप्ता ने कोरोना आपदा के दौरान तकनीक के प्रयोग व परिणामस्वरूप मनाव संसाधान के विस्तृत हुए क्षेत्र पर चर्चा की।
तीसरे सत्र के मुख्य अतिथि पंतजलि के पूर्व सलाहकार डाॅ. वीपी सिंह ने कहा कि परिस्थितियों के अनुसार सीमाओं एवं दायरों का निर्धारण किया जाना आवश्यक है। दायरों में रहकर कार्य पूरा हो सकता है, लेकिन संभव है कि कभी काम को पूरा करने के लिए तय की गयी।


सीमाओं से बाहर जाकर कुछ रचनात्मक ढंग से सोचना-करना पड़े। फ्ल्यूडेक आईटी सर्विसेस के फाउंडर गौरव गुप्ता, टेकफाॅर इंजीनियरिंग के डायरेक्टर पुनीत भटनागर, अंबेर एंटरप्राइजेज एवीपी एंड हैड एचआर सलील कुमार षर्मा, आॅटोमीटर्स के जीएम एंड एचआर एडमिन विवेक पाठक, कर्ल स्टोर्ज एंडोस्काॅपी के एसोसिएट डायरेक्टर राधाकांत जैसवाल, विंगमैन के फाउंडर अषव कौषिक, इंजेन्यूटी गेमिंग के डायरेक्ट एचआरनरेन्द्र चंदेल ने मानव संसाधन के भविश्य पर चर्चा की।
मुख्य अतिथि जेके समूह के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी प्रेम सिंह को जीएलए के सीईओ नीरज अग्रवाल ने स्मृति चिन्ह् भेंट किया। कुलपति प्रो गुप्ता ने विषिश्ट अतिथि चंदर थापर को, प्रबंधन संकाय के निदेषक अनुराग सिंह ने कीनोट स्पीकर अनुज त्रिपाठी को, डीन कंसल्टिंग प्रो. सोमेष धमीजा ने कीनोट स्पीकर मुनीष जिंदल को एवं प्रो. अरूणा धमीजा ने कीनोट स्पीकर राजेष अग्रवाल को स्मृति चिन्ह्क भेंट कर सम्मानित किया। म्ंाच संचालन प्रबंधन संकाय की असिस्टेंट प्रोफेसर हिमानी सिंह ने किया। कार्यक्रम के अंत में प्रबंधन संकाय के निदेशक प्रो. अनुराग सिंह संकाय को कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए धन्यवाद दिया।
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आरोही डीएनपी इंडिया में मनी, देश, राजनीति , सहित कई कैटेगिरी पर लिखती हैं। लेकिन कुछ समय से आरोही अपनी विशेष रूचि के चलते ओटो और टेक जैसे महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी लोगों तक पहुंचा रही हैं, इन्होंने अपनी पत्रकारिका की पढ़ाई पीटीयू यूनिवर्सिटी से पूर्ण की है और लंबे समय से अलग-अलग विषयों की महत्वपूर्ण खबरें लोगों तक पहुंचा रही हैं।

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