उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई थी। खबरों के मुताबिक दो एसयूवी वाहनों द्वारा कथित रूप से प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में आग लगा दी थी। खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए थे। इस बीच कल बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र कल यानी बृहस्पतिवार को मृतकों के परिवार से मुलाकात करेंगे।

राहुल-प्रियंका लखीमपुर खीरी पहुंचे

राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर सीतापुर पीएसी से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं। इनके साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, दीपेंद्र हुडा आदि मौजूद हैं। यह लोग पीड़ित किसान परिवार के अलावा मृतक पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से भी मिलेंगे।

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लखीमपुर खीरी के किसान क्यों बने प्रदर्शनकारी?

इस पूरे घटनाक्रम से पहले एक सवाल उठा कि आखिर उत्तर प्रदेश के केंद्र में मौजूद लखीमपुर खीरी के किसान क्यों प्रदर्शनकारी बने? दावा हुआ था केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के सितंबर के आखिरी में दिए गए उस बयान के कारण, जिसमें किसानों को दो मिनट में सिखाने की बात उन्होंने कही थी। इस बयान में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा खुद के सांसद, विधायक होने से पहले का अपना इतिहास याद दिलाते दिखाई दिए थे।

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