डीएनपी डेस्क: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है. चुनाव के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियों की धड़कने बढ़ गई हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है. बीते कुछ दिनों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कई बड़े नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है. अब तक 12 से अधिक विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. इनमें स्वामी प्रसाद मौर्य से लेकर धर्म सिंह सैनी तक शामिल हैं. भाजपा छोड़ने वाले सभी नेताओं ने पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए अपने इस्तीफ़े में कहा कि सरकार किसानों, वंचितों, शोषितों और पिछड़ों की उपेक्षा कर रही है. इन विधायकों के भाजपा से जाने के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल जुटी है. हालांकि भाजपा आलाकमान के लिए यह इतना आसान नहीं है.
वहीं दूसरी ओर बात की जाए तो भाजपा में दूसरे दल से नेताओं का आना लगा हुआ है. बता दें कि हाल ही में दिग्गज नेता अपर्णा बिष्ट यादव ने समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थामा है. बीते कल वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए. इस सबके बीच दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में शह-मात का खेल जारी है. बहरहाल उत्तर प्रदेश में चुनावी बिसात पर सब मोहरे सजाए जा रहे हैं, सभी पार्टियां अपने प्रत्याशी उतारने में जुटी है.
बताते चलें कि सोमवार को जब समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 159 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की तो उसमें कई पुराने और दागी चेहरों को जगह दी गई। इसे लेकर पहले से हमलावर बीजेपी ने सपा पर फिर जोरदार हमला बोला है. आपको बता दें कि सपा की लिस्ट में शामली जिले की कैराना विधानसभा सीट ने नाहिद हसन को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं, रामपुर विधानसभा सीट से आजम खां को चुनावी मैदान में उतारा गया है. बता दें कि सपा के ये दोनों ही उम्मीदवार इस समय जेल में बंद है. इसके अलावा बात की जाए तो रामपुर स्वार सीट से आजम खां के बेटे अब्दुला आजम खां सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. अब्दुला आजम खां भी हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं.
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