आज से संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) शुरू हो रहा है। ये सत्र 25 दिनों तक चलेगा। सत्र में कृषि कानूनों को रद्द करने सहित 36 विधेयकों के पारित होने की उम्मीद है। विपक्ष ने भी सत्र को हंगामेदार बनाने के लिए कमर कस ली है। विपक्ष ने सत्र (Parliament Winter Session) से पहले  विपक्षी दलों की बैठक बुलाई। जिसमें टीएमसी और आम आदमी पार्टी के नेता शामिल नहीं हुए। उम्मीद की जा रही है कि ये सत्र कृषि बिल को लेकर हंगामेदार हो सकता है। राहुल गांधी ने आज सुबह ही ट्वीट कर लिखा-आज संसद में अन्नदाता के नाम का सूरज उगाना है।

पीएम ने कहा- हर सवाल के लिए तैयार सरकार


पीएम मोदी भी संसद पहुंच चुके हैं। संसद के शीतकालीन सत्र(Parliament Winter Session) से पहले बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर बहस करने और किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। वहीं राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्र से पहले सरकार को घेरने के लिए बैठक बुलाई। दूसरी तरफ आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी एमएसपी और यूपी टीईटी परीक्षा की कानूनी गारंटी का मुद्दा संसद में उठाएगी। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सत्र के दौरान लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने की अपील की. हालांकि, अध्यक्ष ने इस मांग को खारिज कर दिया और कहा कि यह एक “गलत परंपरा” शुरू करेगा।

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कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगी विपक्ष

वहीं भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा, दिन के कारोबार को निलंबित करने और किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक नोटिस तैयार किया है। इसमें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, बिजली बिल की वापसी और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा शामिल है। सांसद ने यह भी मांग की है कि लखीमपुर खीरी कांड में उनके बेटे की कथित भूमिका को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से क्यों नहीं हटाया गया है, इस बारे में प्रधानमंत्री एक बयान जारी करें।

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