Anti-Pakistan Protests In PoK: पाकिस्तान का आतंकी कनेक्शन किसी से छिपा नहीं है लेकिन चीन का पाकिस्तान को हर मोर्चे पर सहयोग देना कहीं अधिक खतरनाक है। इस सबके कारण भारत के रिश्ते पाक और चीन (दोनों पड़ोसी मुल्क) से ठीक नहीं रहे हैं। भारत पूरी दुनिया भर में आतंकवाद का विरोध करता रहा है। लेकिन, पाकिस्तान इस मोर्चे पर साथ नहीं देता रहा है। नतीजतन, अब पाकिस्तान में यहां की हुकूमत के खिलाफ आवाज़ उठने लगी है। पहली ख़बर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से सामने आई है। यहां रह रहे लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, पीओके में रह रहे लोगों ने संयुक्त राष्ट्र के वाहन को रोक कर नारेबाजी करते हुए अपनी पीड़ा को जाहिर किया है। बताया जा रहा है कि इस दौरान लोगों ने जमकर नारोबाजी की। जानकारी के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के वाहन के सामने लोगों ने ‘पाकिस्तानी सेना वापस जाओ’, ‘हमें आजादी चाहिए’ और ‘कश्मीर में हत्या बंद करो’ के नारे लगाए।
आपको बता दें इससे पहले भी कई बार पीओके में रह रहे लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध जताते हुए इस देश से खुद को अलग करने की मांग की है। बाद-ए-शिमल अखबार के मुताबिक इससे पहले अंजुमन-ए-इमामिया, मजलिस-ए-वहदत-उल-मुस्लिमीन, नागरिक समाज और जमात-ए-इस्लामी, के समर्थन से स्कार्दू, गिलगित और कुछ अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदर्शन कर रहे लोग कई मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हैं, जिनमें लोड शेडिंग, महंगाई और जमीनों को खनन के लिए विदेशी कंपनी को लीज पर देना है। लेकिन इसके साथ ही लोग पीओके में इमामिया समुदाय के लोगों की गिरफ्तारियों को लेकर भी नाराज दिख रहे हैं।
आर्थिक तंगी के बाद पाकिस्तान अब कंगाली की तरफ
दुनिया में किसी भी देश के लिए उसकी अर्थव्यवस्था काफी मायने रखती है। अगर किसी भी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है तो उस देश को काफी नुकसान होता है। साथ ही ऐसा वक्त भी देखा गया है जब अर्थव्यवस्था के खराब होने के कारण पूरा देश ही कंगाली की हालात में आ जाता है। इसके बाद उस देश को दूसरे देशों से उधार पैसा लेकर गुजारा करना पड़ता है। वहीं, अब पाकिस्तान के आर्थिक हालात भी कुछ ठीक दिखाई नहीं दे रहे हैं। पाकिस्तान लगातार आर्थिक मोर्चे पर फेल होता जा रहा है। पाकिस्तान का व्यापार घाटा भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का व्यापार घाटा समाप्त वित्त वर्ष में 48.66 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह एक साल पहले के 30.96 अरब डॉलर की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयात उम्मीद से कहीं अधिक रहने से व्यापार घाटा उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। बता दें कि पाकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से जून होता है।
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बता दें कि समाप्त वित्त वर्ष के लिए व्यापार घाटा 2017-18 के 37 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर से कहीं अधिक रहा है। उस समय आयात मुख्य रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के रास्ते बढ़ा था। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में व्यापार घाटा घटकर 31.8 अरब डॉलर रह गया था। यह 2019-20 में और कम होकर 23.2 अरब डॉलर पर आ गया था। 2020-21 में व्यापार घाटा फिर बढ़कर 30.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।
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