Presidential Election Update:  देश में राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है। भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने एक प्रेस वार्ता करके राष्ट्रपति चुनाव की तारीख का ऐलान किया। इलेक्शन कमिशन ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे। जिसके नतीजे 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।

गौरतलब है कि इससे पहले आज, यानी गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम को लेकर 3 बजे दिल्ली में चुनाव आयोग ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की। जिसमें आगामी राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों को लेकर जानकारी दी गई। वहीं, वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। बता दें कि चुनाव आयोग ने दिल्ली के विज्ञान भवन में इस संबंध में प्रेस वार्ता की। यहां पर आपको बता दें कि भारत के नए राष्ट्रपति को 25 जुलाई तक शपथ लेनी है। साल 2017 में 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी।

इन सदस्यों को नहीं है राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का अधिकार

जानकारी के लिए बता दे कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-62 का संदर्भ देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल समाप्त होने से पहले अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए चुनाव उससे पहले संपन्न होना चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के अलावा सभी राज्य के विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी के विधानसभा के सदस्य वोट डालते हैं। राज्यसभा, लोकसभा या विधानसभाओं के मनोनीत सदस्यों को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है। ऐसे ही, राज्यों के विधान परिषदों के सदस्यों को भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है।

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इस तरह से होता है राष्ट्रपति चुनाव

इसके साथ ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद-54 के मुताबिक, राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है। इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व आनुपातिक होता है। यानी, उनका सिंगल वोट ट्रांसफर होता है, पर उनकी दूसरी पसंद की भी गिनती होती है। राष्ट्रपति चुनाव में एक खास तरीके से वोटिंग होती है। इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाले सदस्य तमाम उम्मीदवारों में से पहले अपने पसंदीदा उम्मीदवार को वोट डालते है।

अर्थात वह बैलट पेपर में सदस्य बता देते हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए उनकी पहली, दूसरी और तीसरी पसंद कौन है? यदि पहली पसंद वाले वोटों से विजेता का फैसला नहीं हो सका, तो उम्मीदवार के खाते में वोटर की दूसरी पसंद को नए सिंगल वोट की तरह ट्रांसफर किया जाता है, इसलिए इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट कहा जाता है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच काफी गहमा-गहमी का दौर चल रहा है। इस संबंध में पार्टियां काफी गहरे मंथन के दौर से गुजर रही है।

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अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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