Navjot Singh Sidhu: पंजाब की पटियाला जेल में बंद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी जान का डर सता रहा है। उन्होंने इस बाबत जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर जान को खतरे की आशंका जताई है। बताते चले कि सिद्धू ने जेल अधीक्षक को पांच महीने पहले भी पत्र लिखा था और जान के खतरे होने की आशंका जताई थी। गुरुवार को इसी टेंशन में सिद्धू की हालत खराब हो गई, वह बेहोश हो गए और उन्हें आनन-फानन में अस्पताल लाया गया। हालांकि जरूरी जांचों और कुछ देर अंडर ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से वापस जेल भेज दिया। बताते चले कि सिद्धू ने जेल अधीक्षक को पांच महीने पहले भी पत्र लिखा था और जान के खतरे होने की आशंका जताई थी।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पटिलाया जेल अधीक्षक को पत्र में लिखा है कि उनके जेल में आने पर उनकी जेड प्लस सुरक्षा वापस ले ली गई थी। उन्होंने पत्र में आगे कहा है कि मैंने कोर्ट में कभी गवाह या पेशी से इनकार किया है। बहरहाल जो खबरें सामने आई है उसके मुताबिक सिद्धू ने कोर्ट में दी गई याचिका की तरह ही अपने पत्र में सुरक्षा का हवाला दिया है। बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू 1988 में एक रोडरेज मामले में पटियाला केंद्रीय जेल में बंद हैं। उन्हें लुधियाना की एक कोर्ट ने आज यानी 21 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया है। इससे पहले सिद्धू ने जान से खतरा संबंधित पत्र पटियाला जेल के अधीक्षक को लिखी है।
बिगड़ गई थी सेहत
गौरतलब है कि इससे पहले मई 2022 में सिद्धू ने जेल की दाल-रोटी खाने से इनकार कर दिया था। इस फैसले का सीधा असर उनकी सेहत पर दिखने लगा था। आलम यह हुआ था कि उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी और इसके बाद उन्हें पटियाला स्थित राजिंद्र हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां उनका चेकअप हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लगभग 4 घंटे के चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उन्हें वापस जेल लेने जाने की अनुमति दी थी।
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