दिल्ली सरकार ने दिल्ली के स्कूलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है।सरकार ने दिल्ली में सभी कक्षाओं के स्कूल एक नवंबर से खोले जाने के आदेश जारी किये हैं। हालांकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि किसी भी छात्र को शारीरिक कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित हों, जिसका मतलब है कि ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी। कोरोना वायरस महामारी के कम होते मामलों के बीच केजरीवाल सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली में छठ पूजा करने की भी अनुमति दे दी गई है।
माता-पिता पर नहीं बनाया जाएगा दबाव-सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने अपने एक बयान में कहा कि शारीरिक उपस्थिति स्वैच्छिक होगी और माता-पिता को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा क्योंकि कक्षाएं हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएंगी, जिसमें शारीरिक और ऑनलाइन दोनों कक्षाएं एक साथ आयोजित की जाएंगी। एक बार में 50% से अधिक छात्रों को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए नहीं बुलाया जाएगा। स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि उनके सभी कर्मचारियों को टीका लगाया गया है, लगभग 98% ने अपना पहला टीका लगाया है।
छठ पूजा को लेकर मनीष सिसोदिया ने की लोगों से अपील
छठ पूजा पर बात करते हुए सिसोदिया ने कहा कि लोगों से अनुरोध है कि वे सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और मास्क पहनें… दिल्ली में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सभी को सावधान रहना होगा।गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में पहले की तुलना में कमी आई है लेकिन फेस्टिवल सीजन चल रहा है और सरकार किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। दिल्ली में कोरोना के मामलों की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 0.08% की सकारात्मकता दर से कोरोना वायरस के 41 नए मामले सामने आए हैं जबकि संक्रमण के कारण कोई मृत्यु नहीं हुई।
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