कल रविवार को भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 13वें दौर की बैठक होने जा रही हैं। यह बैठक पूर्वी लद्दाख से जुड़ी एलएसी पर बढ़ रहे तनाव को शांत करने के लिए करी जा रही हैं, यह बैठक पीएलए सेना के मोल्डो गेरिशन में होने के आसार हैं। इस बैठक के पहले भारत और चीन के बीच आखिरी बैठक 31 जुलाई को हुई थी, जिसमे कॉप्स कमांडर लेवल के ऑफिसर्स ने हिस्सा लिया था। यह बैठक उस वक्त चीन की ओर मौजूद मोल्डो सीमा प्वाइंट पर हुई थी, अगर उस मीटिंग की बात करे तो वह मीटिंग करीब 9 घंटे तक चली थी। वह मीटिंग सुबह करीब साढ़े दस बजे आरंभ हुई थी और शाम साढ़े सात बजे मीटिंग समाप्त हुई थीं।

यह मीटिंग केवल पूर्वी लद्दाख नहीं बल्कि अरुणाचल प्रदेश में दोनों सेनाओं के बीच बढ़ रहे तनाव को भी कम करने के लिए करी जा रही हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते चीन के 200 सैनिक एलएसी पार कर अरुणाचल प्रदेश में मौजूद यांतगसे इलाके में पेट्रोलिंग के दौरान घुसपैठ करते देखे गए थे। इसी दौरान भारतीय सेना ने चीन के कुछ सैनिकों को बंदी बना कर रख लिया था। सूचना के अनुसार दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स की हुई मीटिंग के बाद इस मसले को सुलझा लिया गया था।

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भारत और चीन के बीच हुई 12वें दौर की बैठक के बाद भारतीय सेना ने बयान जारी कर बताया कि बैठक के दौरान दोनों पक्ष चले आ रहे समझौते और प्रोटोकॉल के हिसाब से ऐसे मसलों को जल्दी हल करने और दोनो देशों के बीच बातव्यवहार बनाए रखने पर अपनी- अपनी सहमति जताई। सेना ने आगे बताया कि दोनों देशों ने यह भी तय किया की वह पश्चिम क्षेत्र के एलएसी रेखा पर शांति बनाए रखने का प्रयास करेंगे और इसके साथ-साथ स्थिरता बनाए की भी कोशिश करेगे।

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