एलोवेरा की खेती के लिए सबसे अच्छी रेतीली मिट्टी होती है ये मिट्टी एलोवेरा की खेती के लिए उपयुक्त होती है इसकी खेती के लिए ध्यान रखना होगा कि खेत में पानी ना इकट्ठा होने पाए और ना ही कहीं इसकी नमी हो। रेतीली मिट्टी इसकी खेती के लिए ज्यादा लाभदायक है क्योंकि इसमें बेबी प्लांट की संख्या ज्यादा होती है इसके अलावा दोमट मिट्टी के साथ भी इसकी खेती कर सकते हैं। किसी भी कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के लिए एलोवेरा का कैसे इस्तेमाल किया जाता है और इसकी खेती काफी लाभदायक होती है क्योंकि इसकी खेती करने के लिए जो इन्वेस्टमेंट करनी पड़ती है उसके बाद लगभग 5 साल तक है आपको प्रॉफिट देती रहती है। एक एलोवेरा का पौधा लगाने से तीन चार महीने में बेबी प्लांट निकल आता है।

एलोवेरा की बुवाई सर्दियों में नहीं होती है बल्कि अक्टूबर और नवंबर के महीने में की जाती है। एलोवेरा की खेती में एक खास बात यह है कि एलोवेरा को जानवरों से कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन जानवरों से रक्षा आवश्यक है क्योंकि एलोवेरा के पत्ते काफी मुलायम होते हैं। एलोवेरा के दो पौधों के बीच में 2 फीट की दूरी होनी चाहिए। साल में दो बार इन पत्तों की कटाई की जानी चाहिए। एलोवेरा के एक पौधे की कीमत लगभग तीन से चार रुपए होती है और एक बीघा खेत में लगभग 12000 पौधे आ सकते हैं और इसके लिए लगभग 40 से 45 हजार खर्च आता है। ₹40000 इन्वेस्ट करने के बाद लगभग 2 से ढाई लाख का मुनाफा होता है।

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एलोवेरा की खेती से कई तरह से पैसे कमाए जा सकते हैं। इसके baby plant को बेच कर  भीपकमा सकते हैं या फिर इनकी पत्तियों से निकालकर किसी भी प्रोडक्ट कंपनी को ट्रांसफर कर सकते हैं और वह कंपनी को खरीद लेंगे और आपको से मुनाफा होगा। 

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