हमारी जिंदगी में कोई ना कोई ऐसा शख्स होता है जिसके प्यार में हम पागल होते हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि एक इंसान से प्यार करते हैं उसी समय दूसरे को धोखा भी देते हैं। दरअसल इन सबके पीछे की वजह आप के दिमाग के रसायन में होने वाली प्रक्रिया है। आप जिस वक्त किसी से प्यार करते हैं उस समय आपके दिमाग में एक केमिकल रिएक्शन होता है। जिसकी वजह से आपको उसके आगे बाकी की दुनिया यह पर आप के सबसे करीबी भी बेकार या गलत लगने लगते हैं। इसके कुल मिलाकर 13 वैज्ञानिक कारण है।

रटगर्स यूनिवर्सिटी की एंथ्रोपोलॉजिस्ट हेलेन फिशर और उनकी टीम ने इसकी स्टडी की है आइए जानते हैं कि आप किसी से प्यार कर रहे हैं और उसी समय किसी को धोखा दे रहे हैं या नहीं। इनकी यह रिपोर्ट जर्नल ऑफ कंपैरेटिव न्यूरोलॉजिस्ट में प्रकाशित हुई है।

जब आप किसी से प्यार करते हैं तब आपके दिमाग में हमेशा उसका ही ख्याल रहता है बस यहीं पर आप अपने घर वालों, दोस्तों, पुराने प्यार, पति पत्नी, या दोस्त धोखा देने लगते हैं। ऑर्काइव ऑफ सेक्सुअल बिहेवियर जर्नल में साल 2017 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जब आप किसी एक व्यक्ति से प्यार करते हैं और आप उसके बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। वह शरीर में डोपामाइन के अत्यधिक रिसाव की वजह से होता है। यह रसायन दिमाग का एक फोकस एक ही तरफ केंद्रित कर देता है। आपके लिए बाकी दुनिया या करीबी लोग बेकार या गलत लगने लगते हैं। जो प्यार में होते हैं वह हमेशा अपने साथ ही आप प्रेमी या प्रेमिका का सकारात्मक पक्ष ही देखते हैं। उसकी नेगेटिव चीजें नहीं दिखती। क्योंकि प्यार में एक के सिवाय बाकी सभी लोगों का नकारात्मक पक्ष ज्यादा दिखता है।

जर्नल ऑफ़ पर्सनेलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी के मुताबिक कोई भी रिश्ता तब ज्यादा मजबूत होता है जब पार्टनर्स दोनों पक्ष एक समान देखते हैं। एक ही पक्ष देखने के चलते लोग दिन में खोए खोए से रहते हैं। वह अपने प्रेमी के बारे में ही दिन में सपने देखते रहते हैं उसके साथ बिताए समय को याद करके खुशियां उत्तेजित होते रहते हैं। इस समय आपके शरीर में सेंट्रल नोरोपिइनफ्रिन निकलता है। जो यादाश्त को रिपीट करता है।

जब भी कोई किसी के प्यार में पड़ता है तब वह भावनात्मक या शारीरिक रूप से असंतुलित होता है। यानी थकान, ऊर्जा का बढ़ जाना, नींद नहीं आना, भूख खत्म हो जाना, दिल की धड़कन, तेज सांस, तनाव, बेचैनियां लोगों से अलग रहने का मन करना। जब इस तरह के शारीरिक बदलाव होते हैं तब आपका मूड स्विंग होता है।यानी कभी अचानक से मन ठीक रहेगा कभी खराब। ठीक वैसे ही है जैसे किसी ड्रग्स एक्टिव होने का होता है।यह बात साल 2017 में फिलॉस्फी, साइकेट्री एंड साइकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसकी वजह से दिमाग का ऐसा इलाका एक्टिव होता है, जैसा ड्रग्स लेने वालों के दिमाग में होता है। हेलेन फिशर कहती है कि किसी के प्यार में रहना एक तरह का नशा है। जब यह खत्म होता है तब टूटा हुआ और कमजोर महसूस करते हैं।

हेलेन फिशर के मुताबिक मान लीजिए आपके पति पत्नी या प्रेमी प्रेमिका से आप किसी बात पर दुखी है ऐसी स्थिति में आप किसी और की प्रति बेहद तेजी से आकर्षित होंगे। सेंट्रल डोपामाइन इसके लिए जिम्मेदार हारमोंस है। क्योंकि जब आप किसी से ज्यादा उम्मीद करते हैं या उससे प्यार करते हैं और अगर उससे कोई गलती हो जाए तो आप को तुरंत ही आपको बुरा लगता है।डोपामाइन उत्सर्जित करने वाले न्यूरॉन्स सक्रिय हो जाते हैं। दिमाग का मध्य भाग आपको कहता है कि यह इंसान सही नहीं है, इसकी बजाय आप दूसरे व्यक्ति की तरफ तीव्रता के साथ आकर्षित होने लगते हैं।

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