भारतीय समाज कई जातियों से मिलकर बना है। सभी जातियों की स्थिति समान नहीं है और इसने व्यक्तियों के प्रति जाति संबंधी अन्याय के लिए प्रजनन स्थल को जन्म दिया है। इस तरह के अन्याय को मिटाने की आवश्यकता की ओर पहला फैसला डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने दिया था। उन्होंने समाज के उस विचार का प्रचार किया जिसे जाति संबंधी मामलों में विभाजित नहीं किया जाएगा। इसी सोच को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने अंतर्जातीय विवाह योजना के माध्यम से सामाजिक एकता के लिए डॉ. अम्बेडकर योजना लागू की है। इस कल्याणकारी कार्यक्रम के तहत, सरकार उन जोड़ों को प्रोत्साहन प्रदान करेगी जिन्होंने अंतर्जातीय विवाह का विकल्प चुना है।

योजना का शुभारंभ विवरण

यह योजना 2013 में शुरू की गई थी, और भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा की। उनके साथ उनके मंत्री भी थे। इस योजना की सभी गतिविधियों और संचालन की देखरेख भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा की जाएगी। किसी भी योजना की विशेषताओं या लाभार्थी चयन प्रक्रिया को बदलने के संबंध में डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के प्रमुख के साथ उनका अंतिम अधिकार होगा। अधिक जानकारी आप यहाँ से प्राप्त कर सकते हैं ambedkarfoundation.nic.in

योजना के लिए पात्रता मानदंड

विवाह अंतर्जातीय प्रकृति का होना चाहिए

वर और वधू को कानूनी आयु प्राप्त करनी चाहिए

आवेदन शादी के एक साल के अंदर करना होगा

आय संबंधी मानदंड

हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार विवाह

पहली शादी के लिए ही अनुदान

Share.
Exit mobile version