Parenting Tips: बच्चों की जिन्दगी में उनका टीनएज बहुत जरूरी होता है, यह उनका पूरा भविष्य निर्धारित करता है। टीनएज एक ऐसा फेज है जहाँ बच्चे अपने स्कूल के अंतिम और कॉलेज के शुरुआती दौर में रहते हैं। इस उम्र में उन्हें सही-गलत की पहचान उस हद तक नहीं रहती है जिसमें वो खुद के लिए कोई फैसला ले सकें। इस फेज में माँ-बाप की भूमिका सबसे अहम होती है क्योंकि ये एक ऐसा वक्त होता है जिसमे पेरेंट्स को अपने बच्चों का बेस्ट-फ्रेंड बनना पड़ता है।

टीनएजर बच्चों में ये सबसे ज्यादा देखने को मिला है कि वो अपनी बातें पेरेंट्स तक पहुंचने ही नहीं देते हैं। अगर पेरेंट्स उनके साथ कड़ा रुख अपनाते हैं या किसी भी बात पर ज्यादा डांटते-चिल्लाते हैं या हाथ उठाते हैं, तो बच्चों के जिद्दी होने या मानसिक रूप से बीमार होने की संभावना होती है। इसलिए, इस उम्र में बच्चों का दोस्त बनें, उन्हें समझें, उनको समझाएं, प्रतिदिन उनसे बात करें, साथ में खेलें, मूवी देखें, पढ़ाएं और घूमने भी ले जाएं। कहने का अर्थ यह कि यह एक ऐसा वक्त होता है जब माँ-बाप को बच्चों के साथ ज्यादा-से-ज्यादा वक्त बिताना चाहिये, उनकी बातों-समस्योआों को समझते हुए उनका दोस्त बनने की कोशिश करनी चाहिये। इससे बच्चों को ये लगता है कि उनके पेरेंट्स उन्हें समझते हैं। फिर वो आपसे कोई भी बात शेयर करने में न घबराएगा, न डरेगा। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिससे आप अपने बच्चों के बेस्ट फ्रेंड्स बन सकते हैं:

बच्चों का साथ न छोड़ें

टीनएज में बच्चे अक्सर गलतियां करते हैं लेकिन उस वक्त बच्चों पर न चिल्लाते हुए उन्हें समझना चाहिए, उन्हें ही-गलत का मतलब समझाना चाहिए। इससे बच्चों को लगेगा कि आप उनकी बातों को समझ रहे हैं। उन्हें आप पर यह यकीन आएगा कि किसी प्रकार की दिक्कत भविष्य में भी हो तो आप उनके साथ जरूर रहेंगे। इसलिए हमेशा अपने बच्चों के दोस्त बनकर उनके साथ रहें।

ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेंड करें

पेरेंट्स का भी बिजी लाइफस्टाइल हो गया है जिसके कारण वो अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे पाते हैं। लेकिन बिजी रूटीन से वक्त निकालकर अपने बच्चों पर भी अवश्य ध्यान दें। आप उनके साथ बातें करें, प्रोजेक्ट्स में उनकी हेल्प करें, प्रतिदिन एक क्वालिटी टाइम अपने बच्चों के साथ बिताएं।

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बदलाव को करें एक्सेप्ट

टीनएज बच्चों में बहुत तरह का बदलाव आता है जैसे – मूड स्विंग्स, बेहेवियर आदि। लेकिन इन चीजों को पेरेंट्स एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं और बच्चों से शिकायत करने लग जाते हैं लेकिन ये चीजें गलत है, आपको ये सभी बदलाव स्वीकार करना होगा और उसी के हिसाब से अपने बच्चों को समझाना होगा।

खुद की परेशानियों को भी करें शेयर

आप खुद की परेशानियों को बच्चों के साथ शेयर करें, इससे आपका भी मन हल्का होगा और आपके बच्चे का भी भरोसा आप पर बनेगा। इससे वो भी अपनी सारी दिक्कतों को सबसे पहले आपसे शेयर करेगा।

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मेरा नाम श्रीया श्री है। मैं पत्रकारिता अंतिम वर्ष की छात्रा हूं। मुझे लिखना बेहद पसंद है। फिलहाल मैं डीएनपी न्यूज नेटवर्क में कंटेंट राइटर हूं। मुझे स्वास्थ्य से जुड़ी कई चीजों के बारे में पता है और इसलिए मैं हेल्थ पर आर्टिकल्स लिखती हूं। इसके अलावा मैं धर्म, लाइफस्टाइल, एस्ट्रोलॉजी और एजुकेशन के विषय में भी आर्टिकल लिखती हूं।

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