कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी के जी-23 समूह के नेताओं को फटकार लगाई है। चौधरी का कहना है कि पार्टी में उतार चढ़ाव आते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बगावत शुरू कर दी जाए।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”सोनिया गांधी का दरवाजा सभी कांग्रेस नेताओं के लिए खुला है। ऐसे समय में जब कांग्रेस को एक साथ लड़ने की ज़रूरत है, कुछ चुनिंदा नेता (जी-23 के नेता) गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान के ख़िलाफ बयानबाज़ी करते हैं।” उन्होंने आगे कहा, ”अगर उनका (जी23 के नेता) इरादा सही है और नीयत साफ़ है तो ये लोग सोनिया गांधी के साथ बैठकर साफ़ बात क्यों नहीं करते हैं?”

अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि जी-23 के नेताओं को जब कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री बनाया जा रहा था या पद दिए जा रहे थे तब वो अलग तरीक़े का व्यवहार रखते थे। चौधरी ने कहा, ”जब ये लोग मंत्री बने थे, राज्यसभा गए थे तब कौन सा लोकतंत्र का रास्ता अपनाकर ऐसा किया गया था। आज आप लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं, कांग्रेस में लोकतंत्र की बात कर रहे हैं, समावेश की बात कर रहे हैं। आपको सत्ता के समय सबकुछ सुनहरा लग रहा था। हम जानते हैं कि कौन लोकतंत्र को कैसे मान्यता देता है।”

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दरअसल, पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए निराशाजनक नतीजे सामने आए थे। नतीजों के बाद कांग्रेस नेतृत्व को लेकर मतभेद की बात सामने आ रही थी। जी-23 समूह के नेताओं की एक बैठक भी वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद के घर पर हुई। इस बैठक में आज़ाद के अलावा शशि थरूर, कपिल सिब्बल, मणिशंकर अय्यर, मनीष तिवारी और दूसरे नेता शामिल थे।

बैठक के बाद जी-23 समूह के नेताओं ने बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर टिप्पणी भी की थी, समावेशी नेतृत्व और सभी स्तरों पर फ़ैसले लेना का मॉडल अपनाने का सुझाव दिया था।

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