लखनऊ: कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में सियासी पारा हाई है। राज्य में हाल के दिनों में हुए पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत का मुद्दा लगातार उठ रहा है। दरसल सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ड्यूटी के दौरान केवल 3 शिक्षकों की मौत हुई है, यह बयान यूपी के शिक्षा मंत्री ने दिया था। इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, “प्रदेश की निष्ठुर बीजेपी सरकार मुआवज़ा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है.”

मुआवजा देने के लिए झूठ बोल रही सरकार:
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट किया, ”यूपी की निष्ठुर बीजेपी सरकार मुआवज़ा देने से बचने के लिए अब ये झूठ बोल रही है कि चुनावी ड्यूटी में केवल तीन शिक्षकों की मौत हुई है जबकि शिक्षक संघ का दिया आंकड़ा 1,000 से अधिक है. बीजेपी सरकार ‘महा झूठ का विश्व रिकॉर्ड’ बना रही है. परिवारवालों का दुख ये हृदयहीन बीजेपीई क्या जानें.”

1621 शिक्षकों की हुई मौत:
उत्तर प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनाव मद ड्यूटी पर तैनात लगभग 1621 शिक्षकों की कोरोना से मौत हो गई। यह आंकड़ा उत्तर प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने राज्य में हाल में हुए पंचायत चुनाव में शिक्षकों की मौत के बाद जारी किया है। इस संगठन ने सरकार से सभी मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की है।

के


यूपी सरकार के मुताबिक सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है। राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने इस दावे को गलत ठहराते हुए मंगलवार को कहा था कि, “स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है” वहीं उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा है कि, “प्रदेश के सभी 75 जिलों में पंचायत चुनाव ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है”

Share.
Exit mobile version