बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Bihar Budget Session) चल रहा है. विपक्ष तो विपक्ष सत्ता पक्ष के नेता भी सरकार से सावल-जवाब करने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में बीजेपी विधायक संजय सरावगी (Sanjay Sarawagi) ने लखीसराय में बढ़ते अपराध से जुड़ा प्रश्न किया, जिस पर बवाल खड़ा हो गया. बीजेपी (BJP) विधायक द्वारा गृह विभाग से जुड़ा प्रश्न किए जाने के बाद उन्हें आसन की ओर से शह मिला, जिसके बाद सदन में बवाल शुरू हो गया. विभाग के प्रभारी मंत्री के बाद खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जवाब देने के लिए खड़े हो गए.

किन सवालों पर हुआ बवाल?

प्रश्नों के दौरान स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने उन्हें तथ्यों से अवगत किया जिस पर वे खीज गए और स्पीकर पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्हें फटकार लगा दी. दरअसल, बीजेपी विधायक ने लखीसराय में बढ़ते अपराध को लेकर संबंधित छपे एक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पूछा था कि क्या यह बात सही है कि लखीसराय जिला में साल 2022 के शुरुआती 50 दिनों में ही अपराधियों द्वारा नौ लोगों की हत्या कर दी गई है?

बीजेपी नेता ने पूछा कि क्या इन नौ मामलों में अबतक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने से जिले में अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है और स्थानीय जनता में भय व्याप्त है. अगर ऐसा है तो सरकार लखीसराय में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए कौन से सकारात्मत कदम उठाने का विचार रखती है? नहीं, तो क्यों?

प्रभारी मंत्री के जवाब से नहीं हुए संतुष्ट

इन प्रश्नों पर विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा उत्तर दिया गया. लेकिन बीजेपी विधायक संतुष्ट नहीं हुए और वे सवाल करने लगे. ये देख कर सीएम भड़क गए और सदन में उनका रौद्र रूप देखने को मिला. उन्होंने स्पीकर से कहा कि आप संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं. इस तरह से विधानसभा की कार्रवाही नहीं चलती है. एक ही विषय को हर दिन उठाया जा रहा है. यह बिलकुल गलत है. हम यह सब बर्दाश्त नहीं करेंगे. 

नीतीश कुमार ने कहा कि लखीसराय के मामले में विशेषाधिकार समिति की जो रिपोर्ट आयगी उस पर हम जरुर विचार करेंगे. अगर किसी को भी लग रहा है कि भ्रम की स्थिति है तो हम बातचीत करेंगे. संविधान से सिस्टम चलता है. कोई भी अपराध/क्राइम का रिपोर्ट सदन में नहीं बल्कि कोर्ट में जाता है. क्या यह सब बताने की जरुरत है? यह भी क्या यहां के लोगों को नहीं पता है? उन्होंने स्पीकर से कहा कि एक ही मामले को लेकर सदन में इस तरह ड्रामा नहीं होना चाहिए. जो चीज जिसका अधिकार है उसको करने दीजिये.

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