बिहार में चुनाव की तारीख नजदीक आते ही नेताओं के दल-बदल का सिलसिला जारी है। तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए आखिरकार मंगलवार को आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से किनारा करने का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने NDA में शामिल होने की चर्चाओं पर भी विराम लगाते हुए तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान किया है। अब उपेंद्र कुशवाहा ने यूपी की पूर्व सीएम मायावती के बीएसपी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं न एनडीए में जा रहा हूं और न महागठबंधन में रहूंगा। राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में इतनी ताकत नहीं है कि वह बिहार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुक्ति दिला सके। इसके चलते हमने बीएसपी के साथ गठबंधन किया है। हम बिहार को नया और बेहतर विकल्प देने जा रहे हैं।

सीटों के बंटवारे पर फंसा पेंच

महागठबंधन में सीट बंटवारे की स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा काफी समय से नाराज चल रहे थे। कुशवाहा ने कई बार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात कर मसले को सुझाने की कोशिश की लेकिन तेजस्वी के रवैये की वजह से सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बन पाई जिसके बाद उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन से अलग हो गए। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी इसी वजह से महागठबंधन से किनारा कर एनडीए के दामन थाम लिया था। वहीं उपेंद्र कुशवाहा के NDA में शामिल होने की चर्चा भी जोरों पर चल रही थी। नया मोर्चा बनाकर कुशवाहा ने इन पर भी विराम लगा दिया है। एनडीए में सीट बंटवारे का जो फॉर्मूला तय किया गया था उसके अनुसार उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए में शामिल होने के बाद विधानसभा की पांच सीटें और लोकसभा उपचुनाव की एक सीट दी जानी थी। साथ ही उन्हें एनडीए में रहते हुए अपने चुनाव चिह्न पर न लड़कर जदयू के चुनाव चिह्न पर लड़ने की बात कही गई थी। लेकिन कुशवाहा को यह फॉर्मूला पसंद नहीं आया।

कुशवाहा का तेजस्वी यादव पर निशाना

कुशवाहा के नीतीश को भी आड़े हाथों लिया

उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को खूब सपने दिखाए हैं। उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं करेंगे। भ्रष्टाचारियों के मकान और जमीन को जब्त करेंगे। ऐसे कितने भ्रष्टाचारी हैं जिनके मकान और जमीन को जब्त कर वहां स्कूल और अस्पताल खुलवाए गए। नीतीश कुमार की सरकार 15 साल पहले वाली सरकार के रास्ते पर चल रही है। इनके लूटने का तरीका बदल गया है। नीतीश कुमार की सरकार 15 साल में पीएमसीएच को ठीक नहीं कर पाई। एक भी मॉडल स्कूल और अस्पताल नहीं बना। कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। हत्याएं हो रही हैं। महिलाओं के साथ रेप और अत्याचार भी इस सरकार में खूब हुए हैं।

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