उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया था जिसमें उन्होंने चुनावी रणनीति पर पूरा मंथन किया। मंथन में पार्टी ने किसानों को अपने पक्ष में करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। पार्टी ने एक बुकलेट तैयार की है  जिसमें दावा किया है कि उन्होंने राज्य में किसानों के लिए कितना काम किया है। साथ ही पार्टी ने किसानों को विपक्षी ताकतों द्वारा “गुमराह” होने से बचाने और किसानों तक सही संदेश पहुंचाने का बेड़ा उठाया है।

विपक्ष भी मौजूदा सरकार पर निशाने साधने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन और पश्चिम यूपी में किसानों के प्रभाव का फायदा उठाना चाहता है। हाल ही में यूपी बीजेपी के आधिकारिक हैंडस से किसानों के लिए विवादित कार्टून जारी किया गया था जिसके बाद विपक्ष ने सरकार की जमकर आलोचना की थी। इन्हीं परिस्थिति से बचने के लिए बीजेपी किसानों के बीच अपनी कड़ी मजबूत करने की योजना बना रही है। ताकि आगामी चुनाव में यह तय रहे कि किसान पार्टी के समर्थन में ही हैं। बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात पर जोर दिया है कि किसानों के बीच विपक्ष के “प्रचार” को तथ्यों के साथ मुकाबला करने की जरूरत है। सीएम ने गुरुवार को दिल्ली से समय निकालकर रालोद के गढ़ बागपत का दौरा किया था।

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बैठकों में सभी बीजेपी सांसदों को बुकलेट दी गई। जिसमें किसानों के बारें में विस्तृत योजना का जिक्र है। बुकलेट में लिखा है- यूपी में 78 लाख से अधिक किसानों को 2017 से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी उपज खरीदने के बाद 78,000 करोड़ रुपये मिले थे, जो कि पिछली सरकारों की तुलना में बहुत ज्यादा था। ये बुकलेट राज्यों के ग्रामीण इलाकों में किसानों तक पहुंचाई जा रही है। सरकार किसानों को यह भी बताना चाह रही है कि बीते साढ़े चार साल में 45 लाख गन्ना किसानों का 1.4 लाख करोड़ रुपये बकाया है, जो कि पिछली किसी भी सरकार में सबसे ज्यादा है।पार्टी की बुकलेट में दावा किया गया है कि यूपी में लगभग 2.5 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 32,500 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि 2,208 करोड़ रुपये पीएम फसल बीमा योजना के तहत 25 लाख से अधिक किसानों को नुकसान के रूप में दिए गए हैं।

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