राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने शनिवार को दावा किया कि पूर्व की यूपीए सरकार ने तथाकथित भगवा आतंक के झूठे केस में उन्हें फंसाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन असफल रहे। आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, विश्वग्राम और ‘वैश्विक आतंकवाद बनाम मानवता, शांति और संभावनाओं’ पर विचार-विमर्श के लिए बने राष्ट्रीय सुरक्षा जागरूकता मंच द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने यह बात कही।

इस सेमिनार के आखिर में एक प्रस्ताव पास किया गया और सरकार से मांग की गई कि जाति और धर्म को आतंकवाद से जोड़ना बंद किया जाए और ऐसा करने वाले को कानून के तहत दंडित किया जाए।  

इंद्रेश कुमार (Indresh Kumar) ने कहा, “जाति और धर्म को आतंक से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों द्वारा इस तरह के गठजोड़ का अपने फायदे में  शोषण किया जाता है। इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए और कानून के तहत दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए। धर्म और जाति के नाम पर किसी का भी शोषण रोका जाना चाहिए, निंदा की जानी चाहिए और इसके तहत दंडित किया जाना चाहिए। “

कुमार ने दवा किया कि ‘‘भारत सरकार (पूर्ववर्ती संप्रग सरकार) ने मेरे खिलाफ ‘भगवा’ आतंकवाद मामले के लिए 300 से 400 करोड़ रुपये खर्च किए। यहां तक कि पूरी सरकारी मशीनरी लगाने के बावजूद वे मेरा नाम आरोपियों में नहीं ला सके। उसके बाद बेचारी सरकार (वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में) सत्ता से बाहर हो गई।’’

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उन्होंने कहा, “मेरा नाम गवाहों या आरोपियों की सूची में नहीं था. लेकिन पूरी दुनिया को बताया गया था कि इंद्रेश कुमार शामिल थे, उनके खिलाफ एक मामला था। मैंने इतना बड़ा झूठ देखा है। “

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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