कांग्रेस में 2014 के बाद से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस लगातार अपनी जमीन खोते चली गई और हालात यह हैं कि कांग्रेस की कमान पर ही बवाल मचा हुआ है। कल यानी सोमवार को कांग्रेस में कार्यकारिणी की बैठक होनी है लेकिन ठीक उससे एक दिन पहले यानी रविवार को एकबार फिर अध्यक्ष पद को लेकर हलचल की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल, कांग्रेस के 23 बड़े नेताओं ने सोनिया गांधी को एक खत लिखा है। जिसमें ऊपर से लेकर नीचे तक बड़े परिवर्तन की मांग की गई है। सोनिया को लिखी चिट्ठी में नेताओं ने यह सवाल भी उठाए थे कि इस दौरान अध्यक्ष के संबोधन के अलावा कुछ नहीं होता। इस चिट्ठी पर जिन नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं, उनमें पांच पूर्व मुख्यमंत्री और कार्यकारिणी के कई सदस्य भी शामिल है। जिसके बाद कार्यकारिणी की बैठक से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि, अध्यक्ष पद पर एक साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हूं। अब कांग्रेस के नेता अपना नया अध्यक्ष चुन लें।

तो क्या राहुल संभालेंगे कमान…

सोनिया गांधी ने जैसे ही बताया कि, वो कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं, सवाल उठने लगे कि आखिर अगला कांग्रेस अध्यक्ष कौन होगा। राहुल गांधी अपनी बात पर अड़े हैं कि वो अध्यक्ष नहीं बनना चाहते हैं। तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभालें। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राहुल गांधी को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इससे पहले पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी राहुल गांधी के कमान संभालने की बात कह चुके हैं।

बघेल की मांग…राहुल को कमान

भूपेश बघेल ने एक खत में लिखा है, गांधी-नेहरू परिवार का भारत को गरीब राष्ट्र की श्रेणी से आधुनिक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गांधी-नेहरू परिवार ने देश के लिए जो कुर्बानियां दी हैं, वो अविस्मरणी है। 135 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी ने पहले भी अनेक संकटों का सामना किया है, लेकिन कांग्रेस के लाखों-करोड़ों कार्यकर्ताओं की गांधी नेहरू परिवार के प्रति आस्था सदैव अडिग रही है। देश की जनता ने लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप ही गांधी नेहरू परिवार के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है। बघेल ने छत्तीसगढ़ और गुजरात चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की याद दिलाते हुए लिखा है कि, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। गुजरात विधानसभा चुनाव में भी हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। देश को वर्तमान संकट से उबारने में सोनिया और राहुल गांधी ही आशा की किरण दिखाई देते हैं। इसलिए आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप एक बार फिर से कांग्रेस का नेतृत्व संभाले। लोकसभा चुनाव के बाद जब राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया तब भी उन्होंने कहा था कि, राहुल गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष जरूर बनना चाहिए क्योंकि सभी पार्टी कार्यकर्ता उनके साथ हैं। वह राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर बात करते हैं, उन्हें जल्द से जल्द राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालना चाहिए।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की भी यह ही चाह है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनें। उन्होंने कहा कि, यह समय इस तरह के मुद्दों को उठाने का नहीं है। अभी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष की जरूरत है जिसने देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त कर दिया है। एनडीए इसलिए कामयाब है क्योंकि विपक्ष एकजुट नहीं है। संकट की इस घड़ी में पार्टी में बड़े पैमाने पर फेरबदल की मांग का यह उचित समय नहीं है। इस तरह के कदम पार्टी और राष्ट्र के हितों के लिए नुकसानदायक साबित होंगे। साथ ही कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस अध्यक्ष की भूमिका के लिए राहुल गांधी को सही बताया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहती हैं तब तक कांग्रेस का नेतृत्व करती रहें. लेकिन राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार रहना चाहिए।

सोमवार को कांग्रेस की बड़ी बैठक

कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर चल रही चर्चा के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक आगामी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक सुबह 11 बजे शुरु होगी। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक मुद्दों, अर्थव्यवस्था की स्थिति और कोरोना वायरस संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। वैसे, सीडब्ल्यूसी की बैठक उस वक्त हो रही है जब अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी एक साल की अवधि पूरा कर चुकी हैं। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद उन्हें अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

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