पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। एक तरफ सत्ताधारी जदयू से श्याम रजक ने दगा कर राजद का दामन थाम लिया तो वही राजद के तीन विधायकों ने जदयू की सदस्यता ले ली। बिहार में दल-बदल जारी है। लेकिन इसके बीच गठबंधन बदलने का सिलसिला भी शुरु हो गया है। चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। महागठबंधन से हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा (हम) अपना नाता तोड़ लिया है। गुरुवार को हम की कोर कमेटी की बैठक में महागठबंधन से अलग होने का यह फैसला लिया गया मिली जानकारी के मुताबिक जीतन राम मांझी जल्द ही एनडीए में शामिल हो सकते हैं। वही मांझी के महागठबंधन से नाता तोड़ने के अलावा लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय भी जदयू में अब शामिल हो चुके है। इसके राजद विधायक अलावा फराज फातमी और पालीगंज से आरजेडी विधायक जयवर्धन यादव भी जेडीयू में शामिल हो गए।

तीन दिन पहले बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्याम रजक ने सीएम नीतीश का साथ छोड़ लालू का लालटेन पकड़ा तो ऐसा लग रहा था कि राजद बहुत फायदे में है। लेकिन ऐसा नही था राजद को एक-एक कर बहुत बड़ा झटका लग रहा है। श्याम रजक के जाने के बाद जेडीयू ने भी आरजेडी के तीन विधायक प्रेमा चौधरी, महेश्वर यादव और डॉ.अशोक कुमार को अपनी पार्टी में शामिल कराकर राजद को करारा जवाब दे दिया है। अब तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर ही सवाल उठने लगा है। एक सप्ताह के भीतर राजद के छह विधायक पार्टी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो चुके हैं। दूसरी तरफ महागठबंधन के घटक दल भी तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार करने को तैयार नहीं है जिसका ताजा उदहारण जीतन राम मांझी के रुप में देखने को मिला

Share.
Exit mobile version