बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। जिसके मद्देनजर मोदी सरकार की कैबिनेट में उत्तर प्रदेश से सात नए मंत्री बनाए गए हैं। हालांकि ये नव कैबिनेट विस्तार चर्चा का विषय बना हुआ है।
अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल को मोदी सरकार की नव गठित कैबिनेट में जगह दी गई है। अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, मोदी कैबिनेट में मंत्री बनी हैं। जिसके बाद से ही उत्तर प्रदेश में सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है।
दरअसल में मोदी सरकार की नव गठित कैबिनेट में निषाद पार्टी को जगह नहीं दी गई है। जिसके चलते निषाद पार्टी बेहद नाराज नजर आ रही है। बता दें कि संजय निषाद ने तंज कसते हुए कहा कि दगाबाज सरकारों का दर्द दिल में है, दिल मुश्किल में है। इसके साथ ही निषाद पार्टी (निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल) के संस्थापक संजय निषाद ने अपने बेटे और सांसद प्रवीण निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने पर निराशा वक्त की है।
गौरतलब है कि 2017 के उप चुनाव में गोरखपुर सीट से समाजवादी पार्टी ने संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को मैदान में उतारा था। उनके सामने बीजेपी के उपेंद्र दत्त शुक्ला गोरखपुर सीट से चुनावी मैदान में थे। संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उपेन्द्र दत्त शुक्ला को हराकर जीत हासिल की।
2019 में चुनाव के दौरान प्रवीण निषाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया। जिसके बाद उन्हें संत कबीर नगर सीट से लोकसभा चुनाव में टिकट दिया गया। इस चुनाव में भी वह जीत गए। मोदी सरकार की नव गठित कैबिनेट में प्रवीण निषाद को जगह नहीं मिलने के चलते निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के संस्थापक संजय निषाद बेहद नाराज है।