जब से राम मंदिर का भूमिपूजन हुआ है। देश भर में कई लोगों की तबियत बिगड़ गई। कईयों के पेट में दर्द शुरू हो गया। इन्हीं में से एक हैं समाजवादी पार्टी सांसद शफीक उर रहमान बर्क, जिन्होंने एक विवादित बयान देते हुए गुरुवार को कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और आगे भी रहेगी क्योंकि ये इस्लाम का कानून है कि जहां एक बार मस्जिद बन जाती है, वो जमीन मस्जिद की ही रहती है। बर्क पहले इंसान नहीं हैं जिनको मंदिर बनने से पेट में दर्द शुरू हुआ है। उनसे पहले और भी कई दूसरे लोग इस तरह का बयान दे चुके हैं। अपने विवादित बयानों के जरिए अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शफीक उर रहमान बर्क ने कहा- हकीकत तो यह है कि वहां बाबरी मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद रहेगी। जहां एक मर्तबा कोई भी मस्जिद अल्लाह की तरफ से बन जाती है तो वो जमीन मस्जिद की ही रहती है। यह इस्लाम का कानून है। यहां पर जिन हालात में बीजेपी की सरकार है, यह आरएसएस की मैंडेट सरकार है। उन्होंने जो कुछ भी अमल किया है, उस पर मुसलमान ने बहुत सब्र से काम किया है।

बर्क के निशाने पर बीजेपी

बीजेपी पर निशाना साधते हुए शफीक उर रहमान बर्क ने कहा, उनकी सरकार है उन्होंने अपनी ताकत के बलबूते पर यहां पर बुनियाद रख दी। हमारे साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी हुई है, लेकिन हमने सब्र से काम लिया है और आज भी हम अल्लाह के भरोसे पर यह उम्मीद करते रहे हैं। यह जगह हमेशा मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद रहेगी। अल्लाह की इस बात को कोई भी नहीं मिटा सकता।

AIMIM प्रमुख ओवैसी ने भी अलापा मस्जिद राग

बर्क से पहले 5 अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के दिन ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बयान जारी कर कहा था कि वहां हमेशा बाबरी मस्जिद रहेगी। एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने भी ट्वीट के जरिए राम मंदिर निर्माण समारोह के पहले एक बार फिर बाबरी मस्जिद का राग छेड़ा है। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा है- ‘बाबरी मस्जिद थी और रहेगी, इंशाअल्लाह।

तो सवाल ये उठता है कि अचानक से क्यों मस्जिद राग अलापा जाने लगा है। क्यों धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश रची जा रही है। जह सुप्रीम कोर्ट ने ने मामले का निपटारा किया है तो फिर विवाद क्यों है। और सबसे बड़ा सवाल मस्जिद राग अलापने वाले आखिर हासिल क्या करना चाहते हैं, क्या सिर्फ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के मकसद से बयानबाजी की जा रही है। इन सवालों का जवाब जानना बेहद जरूरी है, लेकिन सवाल तो यही है कि इन सवालों का जवाब कौन देगा कौन। आखिर क्यों सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अपमान हो रहा है।  और कब तक धर्म के ठेकेदार अपनी राजनीति के लिए लोगों को भड़काते रहेंगे।

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