बंगाल चुनाव के बाद केंद्र सरकार और ममता बनर्जी के बीच तल्खी और ज्यादा बढ़ गई है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भारत सरकार ने ममता बनर्जी को रोम दौरे की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। दरअसल इटली में आयोजित होने वाले वर्ल्ड पीस कॉन्फ्रेंस में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल होने वाली थी लेकिन उनके इस दौरे को राजनीतिक नजरिए से नामंजूर कर दिया गया।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक राजनीतिक नजरियों से मंचूरिया स्वीकार की गई है साथ ही यह भी कहा गया है कि यहां किसी राज्य के मुख्यमंत्री की भागीदारी स्थिति के अनुरूप नहीं है। मैं इससे पहले दीदी की चीन यात्रा भी कैंसिल हुई थी।

इधर, ममता बनर्जी को रोम जाने की इजाजत नहीं दिए जाने पर टीएमसी की प्रतिक्रिया आई है। पार्टी के युवा नेता देवांग्शु भट्टाचार्य देव ने ट्वीट करके कहा है कि केंद्र सरकार ने दीदी की रोम यात्रा की अनुमति नहीं दी। पहले वे चीन यात्रा की अनुमति भी रद्द कर चुके हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय संबंध और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उस फैसले को स्वीकार किया था अब इटली क्यों मोदी जी बंगाल से आपको क्या दिक्कत है? छी!

जानकारी के लिए बता दें कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।लेकिन वह भी इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाएंगी। यह कार्यक्रम 6 और 7 अक्टूबर को रोम में होने वाला है। कार्यक्रम के आयोजकों ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और इटली के शीर्ष राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया है। उसके साथ ही बंगाल की मुख्यमंत्री को भी न्यौता मिला था। लेकिन केंद्र सरकार की मेहरबानी के वजह से ममता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगी।

गौरतलब है कि 1987 से हर साल कम्युनिटी ऑफ सेंट एगिडियो शांति को बढ़ावा देने के लिए असीसी की प्रार्थना करता है। इस दौरान दुनियाभर की हस्तियां यहां आती हैं। ये पहली बार है जब ममता बनर्जी को इंटरनेशनल पीस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का न्योता दिया गया था। इसके पहले ममता बनर्जी मदर टेरेसा को संत की उपाधि दिए जाने के समय साल 2016 में रोम गईं थीं।

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