भारतीय मूल के अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी समीर बनर्जी ने हमवतन विक्टर लीलो को सीधे सेटों में हराकर विंबलडन में लड़कों का एकल खिताब अपने नाम कर लिया है। भारत के लिए बड़ी कामयाबी साबित हो रही है। अपना दूसरा जूनियर ग्रैंड स्लैम प्रकार की खिलाड़ी ने एक 22 मिनट तक चली फाइनल 7-5, 6-3 से जीत हासिल की।

आपको बता दें कि अमेरिका के न्यूजर्सी के रहने वाले सभी बनर्जी अपने जूनियर कैरियर का सिर्फ दूसरा ही ग्रैंड स्लैम खेल रहे थे। 17 साल के बनर्जी ने इससे पहले फ्रेंच ओपन में हिस्सा लिया था। लेकिन पहले राउंड में ही बाहर हो गए थे, लेकिन इस बार बनर्जी ने ना सिर्फ पहला दौर पार किया बल्कि पूरे टूर्नामेंट में अपना जलवा दिखाया और फाइनल जीत कर ही दम लिया।

जूनियर सर्किट में समीर बनर्जी का प्रदर्शन अभी तक अच्छा रहा है और पिछले साल से उन्होंने आईटीएफ टूर्नामेंटों में धमाल मचाया है। वह अभी तक 16 टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं और 10 बार फाइनल खेल चुके हैं। भारतीय मूल के समीर बनर्जी के माता-पिता 1980 के दशक में ही अमेरिका चले गए थे और तब से ही वहीं बसे हैं।

सुमित नागल ने 2015 में वियतनाम के ली होआंग के साथ विम्बलडन लड़कों का युगल खिताब जीता था। रामनाथन कृष्णन 1954 जूनियर विंबलडन चैंपियनशिप जीत का जूनियर ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पहले भारतीय थे।

उनके बेटे रमेश कृष्णन ने 1970 जूनियर विंबलडन और जूनियर फ्रेंच ओपन खिताब जीता था। लिएंडर पेस ने 1990 जूनियर विंबलडन और जूनियर यूएस ओपन जीता था। पेस जूनियर ऑस्ट्रेलियाई ओपन में भी उपविजेता रहे थे।

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