Apple Google New Update: आज के इंटरनेट (internet) के युग में आप कितनी ही एप्स (apps) और अकउंट (accounts) का इस्तेमाल करते हो। ऐसे में आपको इन सभी के पासवर्ड (password) को भी याद रखना पड़ता होगा। या फिर आप जान से भी प्यारे इन पासवर्ड्स को कही लिखकर रखता पड़ता होगा। ऐसे में अब आपको इन सभी झंझटों से जल्द ही छुटकारा मिलने वाला है। जी हां, आपने सही पढ़ा है, ये सच है, अब आपको किसी भी पासवर्ड को याद रखने की जरुरत बिल्कुल भी नहीं है।

एप्पल और गूगल जल्द पेश करेंगी नई तकनीक

एप्पल और गूगल जल्द ही अपने यूजर को बिना पासवर्ड डाले ऑनलाइन लॉग इन करने की सुविधा प्रदान करेंगे। एप्पल और गूगल की इस नई तकनीक से करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा। एप्पल और गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियां जल्द ही एक ऐसी तकनीक को पेश करेंगी, जिससे आपकी सारी समस्या हल हो जाएगी। बता दे कि ये कंपनियां इस साल के अंत तक Passkeys नामक तकनीक को पेश करने जा रही है। ये एक नई लॉग इन तकनीक है, जिससे कई तरह के अकाउंट में लॉग इन करने की परेशानी से राहत मिल जाएगी।

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पासवर्ड से कही अधिक बेहतर है ये तकनीक

ये एक नई लॉग इन तकनीक है, जो हमारे बैंक अकाउंट और ईमेल एक्सेस की सिक्योरिटी को और अधिक सुरक्षित बनाती है। हाल ही में Apple ने अपने वर्ल्डवाइड डेवलपर कॉन्फ्रेंस में पासकी को पेश किया। यह तकनीक कैरेक्टर्स की जगह हर ऐप या ब्राउजर बेस्ड सर्विस के लिए यूनिक पासकी जनरेट करेगी। जब आप इस नई तकनीक से एक बार लॉग इन कर लेते है, तो ये पासकी आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर सेव हो जाता है। इसके बाद ये क्रोम पासवर्ड मैनेजर की मदद से अपने आप ही सभी डिवाइस में सिंक्ड हो जाता है।

जानिए क्या है ‘पासकी’ तकनीक?

एप्पल और गूगल की इस नई तकनीक से हम आपको रुबरु कर देते है। तो चलिए जानते है कि आखिर क्या है नई तकनीक पासकी। यह एक नए प्रकार का लॉगिन क्रेडेंशियल है, जो सर्वर पर लॉग इन करते समय आपके कंप्यूटर या फोन द्वारा उपयोग जाता है। यह एक आइडेंटिटी ऑथेंटिकेशन है, जो आपको लॉगइन करने के लिए आपके चेहरे या उंगलियों के निशान के स्कैन करता है। पासकी का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास अपना फोन या कंप्यूटर होना चाहिए। आप अपने डिवाइस के बिना किसी और कंप्यूटर से पासकी- सिक्योर अकाउंट लॉग इन नहीं कर सकते।

पासकी में इस सुविधा का मिलेगा फायदा

यहां पर आपको याद दे कि पासकी को सिंक्रोनाइज किया जा सकता है और उससे बैकअप लिया जा सकता है। यदि आप कोई नया Android फोन या iPhone खरीदते हैं, तो Google और Apple आपके पासकी को रिस्टोर कर सकते हैं। आप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की वजह से Google और Apple पासकी को देख या बदल नहीं सकते हैं।

जानिए क्यों पासवर्ड से बेहतर है पासकी

गौरतलब है कि अकसर पासवर्ड को याद ऱखने के साथ ही कई तरह की और समस्या भी आती है। जैसे कि पासवर्ड को अधिक सुरक्षित रखना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं किया तो आपका अहम निजी डाटा लीक हो सकता है। लेकिन कही बार ऐसा भी होता है कि सुरक्षित पासवर्ड बनाने के बाद भी उसकी लीक होने की समस्या बनी रहती है।

ऐसे में गूगल के एक अधिकारी ने एक सम्मेलन में कहा कि ये नई तकनीक पासकी, पासवर्ड के मुकाबले काफी बेहतर है। इसके साथ ही पासवर्ड काफी पुरानी तकनीक हो गई है, ऐसें में अब इसकी जगह नई तकनीक की जरुरत थी, जो कि पासकी के रूप में सामने निकलकर आई है।

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अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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