नई दिल्ली: उत्तराखंड में स्थित भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी पर नेपाल द्वारा अवैध दावा करने के बाद अब चीन ने भी इस इलाकें में अपनी दखल देनी शुरु कर दी है। सुत्रों के मुताबिक उत्तराखंड के लिपुलेख के पास अपनी सेना को तैनात किया है। भारतीय सेना के साथ पीछले महीने हुई झड़प के बाद एक बार फिर से उकसावे की कोशिश कर रहा है। लद्दाख के बाद एलएसी पर यह दूसरी जगह है जहां चीन ने अपनी सेना की गस्त बढ़ाई है। यह वही जगह है जहां से भारत ने मानसरोवर के लिए रास्ता बनाया था, और इसी जगह के लिए ही नेपाल ने आपत्ती भी जताई थी। यह वो एरिया है जहां एलएसी के पास रहने वाले चीन औऱ भारत के आदिवासी लोग जून से अक्टूबर के बीच वस्तु व्यापार करते हैं। लेकिन अब यहा भी चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी की तैनाती से साफ लग रहा है की चीन अपनी हरकतों और वादों पर कायम रहने वाला नही है. लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद चीन ने अपने सैनिकों को सीमा से पीछे हटा लेने का दावा किया था लेकिन ऐसा उसने किया नही हालांकि कई बार उसके सैनिक सीमा से पीछे गए तो थे लेकिन वापस भी आ गए। वही भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीनी सैनिकों ने वापस लौटने की प्रक्रिया शुरु जरुर की है, लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके अलावा लद्दाख में भारतीय सेना के अधिकारियों को मिली जानकारी के अनुसार चीनी सैनिक सीमा पर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में जुटे हैं इसलिए उनका जमावड़ा लगा हुआ है।

चीन की नापाक हरकत जारी:
चीन ने अपने सैनिकों की लिपुलेख पास के नजदीक तैनात कर एक भार फिर से तकरार को दावत देनी शुरु कर दी है. हालांकि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद चीन को गहरा जख्म मिला था लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नही आ रहा। सुत्रों की माने तो लिपुलेख पास, उत्तरी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में एलएसी पर चीनी सैनिकों का भारी जमावड़ा है। लेकिन हाल के दिनों में चीन की हरकतों ने भारत को बेहद हैरान किया है क्योंकि पिछले 45 सालों में ऐसा पहली बार हुआ जब दोनों देशों के सैनिकों में गलवान घाटी में खूनी झड़प हुई। इस विवाद को उस समय भारत के राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के हस्तक्षेप के बाद सुलझा तो लिया गया लेकिन हाल के दिनों में चीन की हरकत ने भारत को बेहद सतर्क कर दिया है। भारत ने सीमा पर चीनी सैनिकों के बराबर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है और नेपाल पर भी नजर रखी जा रही है।

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