Google-Facebook: गूगल ने उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए भारत में सोशल मीडिया क्षेत्र के लिए एक नियामक निकाय विकसित करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। इस हफ्ते की बैठक में गूगल के एक कार्यकारी ने अन्य उपस्थित लोगों से कहा कि कंपनी एक स्व नियामक निकाय के काम करने के तरीके को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। कहा गया कि निकाय का मतलब उन फैसलों की भारी समीक्षा से होगा जो गूगल को सामग्री को बहाल करने के लिए मजबूर कर सकते हैं।

फेसबुक और ट्विटर का समर्थन

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि इस प्रस्ताव को सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक और ट्विटर का समर्थन मिला है लेकिन गूगल ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई है। केंद्र सरकार ने बीते जून महीने में सामग्री मॉडरेशन निर्णयों के बारे में उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए एक सरकारी पैनल नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था। जिसमें कहा गया कि यदि उद्योग चाहे तो एक स्वयं नियामक निकाय पर विचार कर सकते हैं।

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निर्देशों को खतरनाक बताया

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि तकनीकी दिग्गजों के बीच आम सहमति की कमी से सरकारी पैनल बनने की संभावना बढ़ जाती है। गूगल नहीं एक स्वयं नियामक निकाय के इस तरह के निर्देश को खतरनाक बताया। बैठक में फेसबुक ट्विटर और गूगल के अलावा स्नैप और लोकप्रिय भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शेयर चैट के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।

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अंजलि शर्मा पिछले 2 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हैं। अंजलि ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई की है। फिलहाल अंजलि DNP India Hindi वेबसाइट में कंटेंट राइटर के तौर पर काम कर रही हैं।

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