एक तरफ केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. किसान इसके खिलाफ एक साल से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे थे, लेकिन अभी तक आंदोलन खत्म नहीं हुआ है. किसान अभी भी आंदोलन पर हैं. हालांकि अब किसान नेता राकेश टिकैत का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होने कहा कि, किसानों के घर वापसी की अफवाह फैलाई जा रही है. MSP और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा. 4 दिसंबर को हमारी बैठक है.

संसद ने वापसी का बिल पारित किया
देश की संसद में सोमवार को ऐतिहासिक कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए बिल पारित कर दिया गया. पीएम मोदी के ऐलान के बाद शीतकालीन सत्र के पहले दौर में हीं कानूनों की वापसी को लेकर बिल पारित किया गया. अब कृषि कानूनों की वापसी का बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा, जहां से मुहर लगने के बाद प्रभावी हो जाएगा।

केवल एलान से नहीं मानने वाले किसान
तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद किसान संगठनों का आंदोलन जारी है. अभी तक किसानों ने घर वापसी का ऐलान नहीं किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने दस दिन पहले पीएम मोदी कृषि कानूनों की वापसी के लिए कहा था, इसके बाद से हीं किसान संगठनों ने बिल पारित होने तक इंतजार करने के लिए कहा था. पीएम मोदी एमएसपी पर कमिटी बनाने की भी बात कह चुके हैं, लेकिन किसान ऐलान से मानने को तैयार नही हैं.

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एक तरफ किसान नेता राकेश टिकैत एमएसपी पर गारंटी की बात कह आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा अगले 4 दिसंबर को बैठक करने वाला है. कयास लगाए जा रहे हैं, अगले महीने तक किसानों का आंदोलन पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

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