2022 के विधानसभा चुनाव में करिश्मा करने, बीजेपी को मात देने और विजय ध्वजा फहराने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि ये होगा कैसे, क्योंकि कहा जा रहा है कि विपक्ष के तमाम नेता सिर्फ ट्विटर से ही विरोध की चिड़िया उड़ा रहे हैं। सड़क पर दिखाई नहीं दे रहे। कभी-कभार विरोध प्रदर्शन करते भी हैं तो फिर शांत बैठ जाते हैं। समाजवादी पार्टी ने पहले किसान घेरा कार्यक्रम किया, फिर महिला घेरा कार्यक्रम किया और उसके बाद सन्नाटा पसर गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा किसान पंचायतों में ही उलझी हुई हैं और बसपा सुप्रीमो मायावती ट्विटर से बाहर ही नहीं निकल पा रहीं। अब सवाल ये है कि जब सड़क पर उतरोगे ही नहीं तो जनता की आवाज कैसे कैसे बुलंद करोगे। सत्ताधारी दल से मुकाबला कैसे करोगे।

सड़क पर सन्नाटा, ट्विटर पर संग्राम

2022 में होने वाले सियासी संग्राम के लिए महज कुछ महीनों का वक्त बाकी रह गया है। लेकिन विपक्ष अभी भी ट्विटर की चिड़िया उड़ाने में लगा हुआ है। विपक्ष के ज्यादातर बड़े नेता ट्विटर पर अटके हुए हैं। विपक्षी लामबंदी के मामले में सड़क पर सन्नाटा पसरा हुआ है। विपक्ष के नेता मैदान में उतरते भी हैं तो महज कुछ वक्त के लिए दिखाई देते हैं उसके बाद फिर सो जाते हैं। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी का तमगा लेकर घूम रही समाजवादी पार्टी ने पहले किसान घेरा कार्यक्रम किया, फिर महिला घेरा कार्यक्रम किया और उसके बाद सन्नाटा पसर गया। अब अखिलेश यादव शहर-शहर घूमकर कार्यकर्ताओं के पेंच कस रहे हैं। लेकिन सड़क पर नहीं उतर रहे। उधर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा किसान पंचायतों में ही उलझी हुई हैं, और बसपा सुप्रीमो मायावती तो मानो विपक्ष की नहीं याचक की भूमिका में दिखाई दे रही हैं। मायावती ट्वीटर से ही हल्के-फुल्के विरोध की चिड़िया उड़ा रही हैं। जबकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी लाव-लश्कर के साथ मैदान में उतर चुकी है। उत्तर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाल रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी तो निभा ही रहे हैं साथ ही जनता के बीच जाकर सरकार और संगठन के लिए विजय पथ भी तैयार कर रहे हैं। जनता को सौगातें दे रहे हैं…सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं और विपक्ष पर वार भी कर रहे हैं।

यूपी में बेदम विपक्ष के कैसे बनेंगे काम ?

साफ है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने विपक्ष कहीं टिकता दिखाई नहीं दे रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने विकास के ब्रह्मास्त्र से विपक्ष को हर मोर्चे पर धराशायी कर रहे हैं। हालांकि विपक्षी दलों के नेता अभी भी यही दावा कर रहे हैं कि 2022 का सियासी संग्राम वो ही जीतेंगे। लेकिन कैसे जीतेंगे इसका जवाब विपक्ष के किसी भी नेता के पास नहीं है, और इसीलिए बीजेपी विपक्ष के मजे ले रही है। अब सवाल ये कि सत्ता का सुख भोगने वाले दल विपक्ष में बैठने के बाद खामोश क्यों हो गये हैं। सवाल ये भी है कि जब विपक्ष सड़क पर दिखाई नहीं देगा, सड़क पर संग्राम नहीं छेड़ेगा, तो 2022 के सियासी संग्राम में बीजेपी के धुरंधर योद्धा मुख्यमंत्री योगी आदित्नयाथ से मुकाबला कैसे करेगा।

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