नई दिल्ली: अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ हीं तालिबान ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है। वहीं तालिबान के साथ अफगानिस्तान की शांति वार्ता अगर बेनतीजा रहती है तो वो भारत से सैन्य मदद मांग सकता है। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा है कि, “अफगानी सरकार भारत से मदद के रूप में सैनिक नहीं मांगेगा, दरअसल यह मदद ट्रैनिंग और टेक्निकल सपोर्ट के रूप में ली जाएगी.” फिलहाल अगस्त में अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी होने वाली है। इस बीच तालिबान वहां पर अपना नियंत्रण करना चाहता है।

तालिबान के साथ शांति वार्ता:
अफगानिस्तान की सरकार तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रही है। AFB की रिपोर्ट के मुताबिक दोहा में यह बातचीत चल रह है, लेकिन यह वार्ता विफलता की कगार पर है। तालिबान अब अपनी सेना के इस्तेमाल करने की तैयारी में है।

अफगानिस्तान के राजदूत ने क्या कहा:
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडज़े ने अफगानिस्तान के हालात को लेकर कहा कि, “हम तालिबान के साथ शांति वार्ता जरूर कर रहे हैं, लेकिन सैन्य मदद की जरूरत भी पड़ सकती है। भारत से अफगानिस्तान से काफी उम्मीदें हैं”

भारत से मदद की आस:
अफगानिस्तान को भारत से मदद की काफी उम्मीदें हैं। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ने कहा कि, “भारत की ओर से वायुसेना के क्षेत्र में मदद की जरूरत पड़ सकती है. भारत ने हमारी जो मामलों में मदद की है, इनमें मिलिट्री ट्रेनिंग और हमारे कैडेट्स को स्कॉलरशिप शामिल हैं.”

अफगानी राजनयिक के मुताबिक मौजूदा स्थिति काफी गंभीर है। देश में तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं। देश के 376 ज़िलों में से 150 जिले हिंसा प्रभावित हैं। देश में अबतक 2 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं।

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