सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि देश को बहुत जल्द एक ‘गे’ यानी समलैंगिक जज मिल सकता है। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने वकील सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने प्रस्ताव भेजा है। जानकारी है कि 11 नवंबर की बैठक में यह सिफारिश चीफ जस्टिस एन वी रमन की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में प्रस्तुत की गई है। हालांकि केंद्र की तरफ से 4 बार इस सिफारिश को खारिज कर दिया गया है परंतु बावजूद इसके कॉलेजियम ने यह प्रस्ताव एक बार फिर पेश किया है।

जानकारी के लिए बता दें की यह पहली बार होगा जब कॉलेजियम ने किसी समलैंगिक व्यक्ति को जज बनाने की सिफारिश की होगी। अक्टूबर 2017 में दिल्ली हाई कोर्ट कॉलेजियम ने आपसी सहमति से जज के पद के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी परंतु बाद में इस सिफारिश को 4 बार खारिज कर दिया गया। आखरी बार यह सिफारिश 2020 में खारिज कर दी गई थी।

सौरभ कृपाल के विदेशी पार्टनर को लेकर उठे थे सवाल

दरअसल जस्टिस चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने केंद्र से कृपाल को हाई कोर्ट का जज बनाने के बारे में एक विचार जानना चाहा था। लेकिन इसकी दूसरी तरफ केंद्र के अनुसार कृपाल के किसी विदेशी पुरुष के साथ संबंध है। जिसको लेकर केंद्र ने चिंता जाहिर की थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कृपाल एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट निकोलस जर्मेन के साथ रिलेशनशिप में है। जर्मेन स्विट्जरलैंड के रहने वाले हैं। यही वजह है कि केंद्र को उनके विदेशी पार्टनर के संदर्भ में शंकाए और चिंताएं दोनों है। इस बात की पुष्टि करते हुए एक बार खुद कृपाल ने भी एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि उनके सेक्सुअल ओरियंटेशन की वजह से भी कई बार उन्हें जज बनाने के लिए आयोग्य समझा जाता है।

इससे पहले सौरभ कृपाल तब चर्चा में आए थे। जब उन्होंने धारा 370 खत्म करवाने का केस लड़ा था। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि सौरभ जज के पद के लिए नियुक्त किए जाएंगे या नहीं और यदि वह नियुक्त होते भी हैं तो वह कब से अपना पदभार संभालेंगे। अभी इन सभी सवालों को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

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