उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब हैं और सभी राजनीतिक दलों के बीच रूठना-मनाना शुरू हो चुका है। कुछ दल एक साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश को जीतने का रोडमैप तैयार कर रहे हैं। जबकि कुछ दल पुरानी नाराजगी को लेकर बैठे हैं। हाल ही में बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने चुनाव लड़ने से पहले बीजेपी के सामने अपनी कुछ मांग रखी हैं। राजभर ने बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला सिर्फ और सिर्फ मांगों को पूरा करने के लिए है। राजभर चाहते हैं कि दलित वर्ग के विकास के लिए कुछ मांगों को माना जाए।

पिछड़े वर्ग के नेता कहे जाते हैं राजभर


राजभर ने मांग रखी है कि देश में पिछड़ों की जातिगत जनगणना, रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू किया जाए। एक समान अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा दी जाए। इसके अलावा यूपी में घरेलू बिजली का बिल माफ किया जाए। राजभर ने मांग रखी है कि होमगार्ड, पीआरडी और चौकीदार दोनों पुलिस को एक जैसी सरकारी सुविधा दी जाए। वही सभी के समान दलित वर्ग को भी एक ही कुएं से पानी पीने का अधिकार दिया जाए। जैसा कि मायावती के राज में होता था। राजभर ने बीजेपी के सामने एक और शर्त रखी है। जिसमें उन्होंने पुलिस ड्यूटी 8 घंटे की सीमा निर्धारित करने और एक वीक ऑफ देने की मांग की है।

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बीजेपी ने दिया मांगों को पूरा करने का आश्वासन


गौरतलब है कि बीजेपी ने सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। हालांकि अब देखना होगा कि चुनाव के बाद इन मांगों को पूरा किया जाता है या नहीं। बता दें कि ओमप्रकाश को उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जाति का नेता कहा जाता है। पहले वो बीजेपी का ही हिस्सा थे लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बनने के बाद राजभर ने अपनी अलग पार्टी बना ली। हालांकि राजभर की पार्टी चुनावों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई है।

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