बुधवार को मौद्रिक प्राधिकरण ने क्रिप्टोकरेंसी को देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा बताया है, इसके अलावा उन्होंने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ उन सभी के दावे किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह उत्पन्न होता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास जो शुरू से ही क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ रहे हैं उन्होंने कहा कि “क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश की वित्तीय प्रणाली के लिए खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि यह केंद्रीय बैंको के नियंत्रण रेखा से बाहर होते हैं।

आरबीआई गवर्नर शंक्तिकांत दास ने बयान देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के हिसाब से एक खतरा है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी के मामले में सक्रियता से विचार कर रही है और बहुत जल्द इसपर फैसला किया जाएगा, लेकिन बतौर केंद्रीय बैंक हमें क्रिप्टोकरेंसी को लेकर काफी चिंताएं है।

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आरबीआई गवर्नर शंक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की तादाद के अलावा मुद्राओं के बाजार मूल्य पर बताई जा रही संख्या पर सवाल खड़े किए, उन्होंने कहा कि ” मैं इन मुद्राओं के मूल्य की सत्यता के बारे में निश्चित नहीं हूं। मेरा मानना पूरी तरह से सत्य नहीं हो सकता क्योंकि अब तक हमें क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है क्योंकि इन मुद्राओं को केंद्रीय बैंक विनियमित नहीं करते हैं। मेरे अनुसार मुद्राओं में निवेशकों की जो संख्या बताई जा रही है उसे काफी ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है, क्योंकि 70 प्रतिशत से अधिक निवेशकों ने इन मुद्राओं में 1000 रुपयों से कम निवेश किया है।”

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