RBI Monetary Policy: इस साल 2022 में आरबीआई की पहली मौद्रिक नीति समिति के नतीजों का ऐलान हो गया हैं। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज शुक्रवार को देश की मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया हैं। रेपो रेट और रिजर्व रेपो रेट दोनों में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया गया हैं। यानी आपके लोन पर ब्याज दरें नहीं बढ़ेंगी। इसके साथ ही आरबीआई ने अपने अकोमोडेटिव रुख को बरकरार रखा है। आइए जानते हैं कि इस पॉलिसी से जुड़ी अहम डिटेल कौन सी हैं।

रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट बरकरार

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। जिसमें रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार हैं। मॉनेटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों को बरकरार रखने के साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान घटाया हैं। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष में महंगाई के बीच ऊंचाई पर रहने का अनुमान जताया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5.7% पर रहने का अनुमान है।

महंगाई दर के 5.7% पर रहने का अनुमान

आरबीआई के गवर्नर दास ने ऐलान किया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ के 7.8 फीसदी पर रहने का अनुमान किया गया हैं। इसके अलावा गवर्नर का कहना है कि भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ेगा। क्योंकि भारत में बाकी दुनिया से अलग तरीके से रिकवरी हो रही हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में महंगाई दर के 5.7% पर रहने का अनुमान हैं। पहली तिमाही में महंगाई दर 6.3% दूसरी तिमाही में 5%, तीसरी तिमाही में 5.4 % और चौथी तिमाही में 5.1% रहने वाली हैं।

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नीतिगत दर समान स्तर पर

रिजर्व बैंक ने 11वीं बार नीतिगत दरों को समान स्तर पर बनाए रखा हैं। गवर्नर ने ऐलान किया है कि महंगाई दर को 4% के दायरे में रखने का लक्ष्य है। इसमें 2% का उतार-चढ़ाव देखा जा सकता हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में कटौती की थी, तब रेपो रेट 4% के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर था।

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