Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) के लिए आज का दिन काफी नुकसानदायक सिद्ध हुआ। जी हां, गुरुवार को शेयर बाजार लाल निशान (red mark) के साथ बंद हुआ। वैश्विक स्तर पर कई संकटों से जूझ रहा शेयर बाजार का खासा प्रभाव भारतीय बाजार पर साफ तौर पर देख गया। वहीं, शेयर बाजार में सुबह की तेजी के बाद मुनाफावसूली देखी गई, जिसके चलते बाजार लाल निशान में जाकर बंद हुआ है।
इतना लुढ़का मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
आज का कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स करीब 1045 तो निफ्टी 331 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ है। मुनाफावसूली के चलते मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सुबह के अपने हाई से 1767 अंक नीचे जा फिसला, तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी उच्चतम स्तरों से 528 अंक नीचे जा लुढ़का। उधर, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 1046 अंकों की गिरावट के साथ 51,495 अंकों पर तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 331 अंकों की गिरावट के साथ 15,360 अंकों पर क्लोज हुआ है।
इस साल सेंसेक्स में 11 फीसदी की गिरावट हुई
गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई (inflation) से दुनिया का हर देश प्रभावित है। ऐसे में अब कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर भी इसका खासा असर पड़ रहा है। भारत के साथ-साथ विश्वभर के शेयर बाजार अब गिरने के ग्राफ में आ गए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) में इस साल सेंसेक्स 11 फीसदी तक गिर चुका है। यह भारतीय बाजार के लिए तगड़ा झटका है। सेंसेक्स और निफ्टी 52 हफ्ते के निचले स्तर पर जा लुढ़का। मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई. मेटल इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है।
इस वजह से लुढ़का भारतीय बाजार?
वहीं, अमेरिका के केंद्रीय बैंक यानी कि फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने बुधवार देर रात ब्यांज दरों (interest rates) में 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। आपको बता दें कि यह 28 साल में सबसे अधिक है। अमेरिका में 40 साल के उच्चतम स्तर पर चल रही खुदरा महंगाई को थामने के लिए बड़ा कदम उठाने का फैसला किया। इसके लिए ब्याज दरों को 1.75 फीसदी के टार्गेट से ऊपर ले जाने पर सहमति जताई और इस बार 0.75 फीसदी ब्याज दर बढ़ा दी। यह साल 1994 के बाद से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।
ये कारण भी पहुंचा रहा नुकसान
इसके साथ ही यूक्रेन-रूस की जंग और वैश्विक महामारी कोरोना की मार ने अमेरिका समेत ग्लोबल इकोनॉमी की मुसीबत बढ़ाई है। ऐसे में सप्लाई चेन पर असर की वजह से महंगाई की रफ्तार भी तेज होती जा रही है। महंगाई की यह स्पीड जितनी तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से इकोनॉमी पस्त होती दिख रही है और शेयर बाजार लुढ़क रहे हैं।
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