US Federal Reserve Rate Hike: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान किया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की है। वहीं, यूएस फेडरल रिजर्व ने ये भी संकेत दिए कि आने वाले समय में वह इनमें कुछ कटौती कर सकता है। यूएस फेडरल रिजर्व के द्वारा ब्याज दरों में इजाफा करने के बाद ब्याज दरें साल 2008 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।

US Federal Reserve Rate Hike

यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि फेडरल बैंक महंगाई में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यूएस फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी ऐसे समय में की है, जब दुनिया के कई देशों पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है। यूएस फेडरल रिजर्व ने बुधवार को हुई बैठक में अल्पकालिक दरों को 3.75 से 4 फीसदी की लिमिट तक बढ़ा दिया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि यूएस फेडरल रिजर्व ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों में इजाफा किया है। साथ ही इस साल 6वीं  बार वृद्धि की गई है।

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फेडरल रिजर्व के चेयरमैन ने क्या कहा, जानिए

वहीं, यूएस फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि फेड अपनी दर वृद्धि को ज्यादा सही तरीके से बढ़ा सकता है। वह इसे बंद करने के करीब नहीं है, दरों में थोड़ा और इजाफा करने की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि फेड रिजर्व अब आगे चलकर अपनी ब्याज दरों में बढ़ोतरी को थोड़ा कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर और विकास दर को संतुलित करने में थोड़ा समय और लग सकता है।

अमेरिका में 40 सालों के उच्च स्तर पर महंगाई

गौरतलब है कि अमेरिका में महंगाई 40 सालों के उच्च स्तर पर है। ऐसे में यूएस फेडरल रिजर्व इसे कम करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने का कदम उठाया है। वहीं, अमेरिका के लिए ये कदम काफी घातक साबित हो रहा है। आपको बता दें कि यूएस फेडरल रिजर्व का ये फैसला अमेरिकी निवेशकों को उभरते बाजारों से पैसा निकालने के लिए मजबूर कर देता है। यूएस फेडरल रिजर्व के द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला दुनियाभर के देशों को प्रभावित करेगा। साथ ही भारत पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

अमेरिकी बाजार हुए धड़ाम

यूएस फेडरल रिजर्व के इस फैसले से अमेरिकी बाजार पर बुरा असर पड़ा। अमेरिकी बाजार में काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा। इसके साथ ही बुधवार को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स डाऊ जोंस 505 पॉइंट या 1.55 फीसदी की गिरावट के साथ 32147 के स्तर पर बंद हुआ।

भारत पर क्या होगा इसका असर

मालूम हो कि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 83 के आंकड़े को पार कर चुका है। ऐसे में यूएस फेडरल रिजर्व के इस फैसले से रुपया और कमजोर हो सकता है। इससे आयात करना पहले के मुकाबले अधिक महंगा हो जाएगा। यूएस फेडरल रिजर्व के फैसले का प्रभाव भारतीय बाजारों और रुपये पर सीधा असर पड़ता है। यूएस फेडरल रिजर्व की उच्च दरें भारतीय इक्विटी को कम कर देती है। इससे विदेशी निवेशकों का मोह भंग हो जाता है।

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अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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