बिहार के अररिया जिले की एक पॉक्सो कोर्ट ने भारत के इतिहास में पहली बार महज एक दिन की सुनवाई के बाद एक व्यक्ति को आठ साल की बच्ची से बलात्कार करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस कार्यवाही को देश में किसी भी POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) अदालत द्वारा सबसे तेजी से दिया गया फैसला माना गया है।

पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शशि कांत राय ने आरोपी को 50,000 रुपये का जुर्माना देने के साथ-साथ पीड़िता के पुनर्वास के लिए 7 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी जारी किया था। यह आदेश 4 अक्टूबर को पारित किया गया था, लेकिन मामले से संबंधित आदेश पत्र 26 नवंबर को उपलब्ध कराया गया था। 22 जुलाई 2021 को एक आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया गया था, बलात्कार होने के अगले दिन एफआईआर दर्ज की गई थी। आपको बता दे इस मामले की जांच अररिया महिला थाना प्रभारी रीता कुमारी कर रही थी।

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पॉक्सो कोर्ट में सरकारी वकील श्यामलाल यादव ने कहा कि “अररिया में इस मामला की सुनवाई देश में बलात्कार के मामले की सबसे तेज सुनवाई थी। इस सुनवाई ने मध्य प्रदेश के दतिया जिले की एक अदालत के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जिसने अगस्त 2018 में तीन दिनों में बलात्कार के मुकदमे की सुनवाई पूरी की थी।

अररिया जिले के पॉक्सो अदालत ने गवाहों, तर्कों और प्रतिवादों को दर्ज करके कार्यवाही को तेजी से अंजाम दिया और आरोपी को दोषी पाकर बिना विलंब किए महज एक दिन के अंदर फैसला सुनाना। बिहार सरकार के गृह विभाग के अभियोजन निदेशालय ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “यह देश में शायद पहला मामला है जब महज एक दिन की सुनवाई के दौरान सजा दी गई है।”

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