महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा जाता है और उनके सुविचार आज भी हम सबके बीच ज़िंदा हैं। ऐसा नहीं है कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सुविचारों से सिर्फ भारत के ही लोग आकर्षित है बल्कि दुनियाभर में गाँधी जी के चाहने वाले हैं और उनके विचारों का अनुसरण करने वाले हैं। महात्मा गाँधी से लोग इतने प्रेरित है कि कोई न कोई व्यक्ति उनके लिए कुछ न कुछ ख़ास करता ही रहता है, अब ख़ास करने का जरिया या तरीका कुछ भी हो सकता है । कर्नाटक के मंगलुरु में गांधी जी का एक खास मंदिर है, जिसमें हर रोज उनकी तीन बार पूजा होती है और आरती उतारी जाती है।


 
महात्मा गांधी जी का ये मंदिर मंगलुरु के श्री ब्रह्म बैदरकला क्षेत्र गरोडी में बना हुआ है। महात्मा गांधी के अनुयायी इस मंदिर में आते हैं और उनके द्वारा बताए रास्ते (सत्य और अहिंसा) पर चलने का प्रण लेते हैं। साल 1948 में यहां गांधी जी की एक मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद साल 2006 में लोगों की मांग पर यहां मंदिर का निर्माण किया गया और साथ ही गांधी जी की संगमरमर की प्रतिमा लगाई गई।

मंदिरों में जिस तरह से भगवान की पूजा की जाती है, ठीक उसी तरह से मंगलुरु के इस मंदिर में गांधी जी की पूजा होती है। यहां दिन में तीन बार सुबह छह बजे, दोपहर 12 बजे और शाम के 7:30 बजे उनकी पूजा होती है। इसके अलावा गांधी जी की प्रतिमा के पास प्रतिदिन एक दीपक जलाया जाता है।गांधी जयंती के दिन इस मंदिर में एक विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। फल और मिठाइयों के साथ गांधी जी की प्रतिमा पर ब्लैक कॉफी चढ़ाई जाती है। बाद में, उसी कॉफी को भक्तों में ‘प्रसाद’ के रूप में बांट दिया जाता है।

जिस घर में महात्मा गांधी जी का जन्म हुआ उसे मंदिर जैसे संग्राहलय में तब्दील किया जा चुका है। इस मंदिर का नाम कीर्ति मंदिर है।महात्मा गांधी का एक मंदिर उड़ीसा के संबलपुर जिले के भटारा गांव में भी स्थित है। इस मंदिर में गांधी जी की तांबे से बनी 6 फीट ऊंची मूर्ति है। बता दें कि इस मंदिर के निर्माण की पहल गांधीवादी नेता अभिमन्यु ने की थी। इस मंदिर को गांव वालों के आपसी सहयोग से बनाया गया था।

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