नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रर्दशन जारी है। किसानों का एक बड़ा जत्था दिल्ली की सीमाओं पर डटा हुआ है. ऐसे में दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच वहां पर शरजील इमाम, उमर खालिद समेत अन्य राजद्रोह केस में बंद आरोपियों का एक पोस्टर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर के वायरल होने के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सवाल उठाया है। उन्होने कहा कि, “किसान आंदोलन में इस पोस्टर का आखिर क्या काम. किसानों की मांग एक्ट में प्रावधान की हो सकती है लेकिन ये पोस्टर आंदोलन में क्यों लगाया जा रहा है”

किसान आंदोलन बिखेड़ने की कार्रवाई
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोशल मीडिया पर शरजील इमाम, उमर खालिद समेत अन्य राजद्रोह केस में बंद आरोपियों के पोस्टर वायरल होने पर कहा कि, “किसान की मांग एक्ट में प्रावधान, MSP और APMC की हो सकती है. लेकिन, अगर ये पोस्टरबाजी हो रही है तो किसानों को इससे बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन को बिखेड़ने की कार्रवाई है”

किसानों ने पोस्टर को बताया साजिश:
इस विवादित पोस्टर के वायरल होने के बाद किसानों ने कहा है कि, इसमें जरूर सरकार की ही कोई ना कोई साजिश है. किसानों ने आगे कहा कि, “इस पोस्टर के जरिए किसान आंदोलन को फेल करने की साजिश हो सकती है” वही खुफिया एजेंसियों ने सरकार को एक इनपुट भेजा है कि किसान आंदोलन की आड़ में दंगा कराने की भी साजिश हो सकती है.

क्या है मामला:
मिली जानकारी के अनुसार मानवाधिकार दिवस के मौके पर गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने प्रर्दशन किया। इसी बीच किसानों के मंच पर एक पोस्टर लगाया गया था, इस पोस्टर में उमर खालिद, शरजील इमाम, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव समेत अन्य लोगों की जेल से रिहाई की मांग की गई थी।

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