Delhi air becomes more toxic: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (national capital Delhi) में गर्मी का सितम जारी है। दिल्ली के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत में इस वक्त भीषण गर्मी का कहर बरस रहा है। जहां एक ओर तेज चिलचिलाती धूप में लोगों को घर से निकलने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (CSE) की एक हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

सीएसई की रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2022 इतिहास में सबसे ज्यादा गर्म रहने वाले वर्षों में से एक है। इस साल ही काफी बड़े स्तर पर जमीनी ओजोन प्रदूषण देखा गया है, जो दिल्ली-एनसीआर के लिए एक नए खतरे की घंटी है। जानकार बताते हैं कि यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा बीते कुछ सालों में अत्यधिक जहरीली हो गई है। आमतौर पर गर्म दिन मानकों से अधिक ओजोन स्तर को रिकॉर्ड करते है जबकि इस बार गर्मी में स्टेशनों का प्रसार काफी बड़े लैंडस्केप पर है।

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मुंबई का नाम भी है शामिल, लेकिन

इसके अलावा अगर बात देश के बड़े महानगरों की करें तो इसमें दिल्ली-एनसीआर के बाद देश की आर्थिक राजधानी मुंबई का नाम दूसरे नंबर पर आता है। सीएसई के मुताबिक, दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में इस साल हीटवेव के शुरुआती हमले के कारण, जमीनी स्तर के ओजोन का स्थानिक प्रसार मार्च में ही शुरू हो गया था, जो अब तक का सबसे खराब रहा है। बता दें कि जमीनी स्तर पर आमतौर पर ओजोन हर साल दिल्ली-एनसीआर में गर्मी के सभी दिनों में सुरक्षा मानकों से अधिक होता है। लेकिन इस वर्ष बहुत अधिक रहा है।

सीएसई की कार्यकारी निदेशक ने रिपोर्ट पर रखी ये राय

सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने इस रिपोर्ट पर एक बड़ी जानकारी देते हुए कहा कि हम इससे पहले पार्टिकुलेट मैटर के प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित कर पाते, जमीनी स्तर के जहरीले ओजोन का खतरा हमारे सिर पर मंडराने लगा है, मतलब कि अब एक समस्या के बजाए दो समस्या हो गई है।

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उधर, सीएसई के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक अविकल सोमवंशी ने कहा ओजोन प्रदूषण के कारण कई स्वास्थ्य के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। इससे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिसीज होने का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही ऐसे बच्चे जिनके फेफड़े अभी भी अविकसित हैं या फिर वृद्धों को इसके गंभीर दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। यह क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस या काफी तीव्रता वाले अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है।

गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले कुछ समय से बढ़ते प्रधूषण की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार ने भी कई कदम उठाएं है। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

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अमित महाजन DNP India Hindi में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर काम कर रहे हैं.अमित ने सिंघानिया विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म में डिप्लोमा किया है. DNP India Hindi में वह राजनीति, बिजनेस, ऑटो और टेक बीट पर काफी समय से लिख रहे हैं. वह 3 सालों से कंटेंट की फील्ड में काम कर रहे हैं.

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