नई दिल्ली: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक विवादित फेसबुक पोस्ट के बाद भड़की हिंसा की आग ने कई लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी। शहर में अभी भी अमन शांती की उम्मीद में प्रशासन का पहरा है लेकिन इन सबके बीच इस हिंसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हिंसा के पीछे एसडीपीआई के कलीम पाशा और कांग्रेस के बीच कनेक्शन को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। खबरों की माने तो कलीम पाशा की पत्नी कांग्रेस पार्टी की पार्षद हैं. इसलिए यह अंदेशा लगाया जा रहा है की इस बड़ी वारदात के पीछे कोई बड़ी साजिश थी। फेसबुक पोस्ट सिर्फ बहाना था। बेंगलुरु में हुए दंगे को लेकर जो एफआईआर दर्ज हुई है। उसमें भी साजिश का जिक्र है। बेंगलुरु में हुए दंगों के बाद शहर से करीब 245 किलोमीटर दूर चिकमंगलूर में भी सांप्रदायिक सौहार्द तोड़ने की कोशिश करने की घटना की गई है। बेंगलुरु में हुई हिंसा को लेकर जांच में कुछ और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। बेंगलुरु की घटना के बाद अब चिंकमंगलूर भी हिंसा की आग में जल रहा है। चिंकमंगलूर में शंकराचार्य की मूर्ति पर कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के झंडे फेंकने से लोगों में गुस्सा है। इस पूरी घटना से पता चलता है की यह सिर्फ फेसबुक पोस्ट से भड़की हिंसा नही बल्की साजिश है।

खबरों के मुताबिक बुधवार के बेंगलुरु से 245 किमी दूर चिंकमंगलूर के श्रृंगेरी में शंकराचार्य की मूर्ति की पर कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन PFI के राजनीतिक संगठन SDPI का झंडा फेंका गया है। इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने गुस्से में विरोध-प्रर्दशन शुरु कर दिया। इस घटना की सूचना के बाद पुलिस ने मौके से झंडा हटा दिया और मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है। वही प्रदेश सरकार के मुताबिक किसी भी दोषी को बख्शा नही जाएगा जांच कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. दरसल बेंगलुरु में एक कांग्रेस विधायक के भतीजे द्वारा विवादित पोस्ट किए जाने के बाद शहर में हिंसा भड़की थी। दंगाईयों ने विधायक के घर में भी आग लगा दी थी।

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