बिहार में चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। राजनीतिक पार्टियों से लेकर प्रशासन तक सभी चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। चुनाव से पहले शुक्रवार को पुलिस महकमे ने एक अजीब फरमान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि थानों में पोस्टिंग के दौरान समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा जाए। आदेश में सभी थानों और चेक पोस्ट पर पोस्टिंग में हर वर्ग का ख्याल रखने का आदेश दिया गया है। आईजी पुलिस हेडक्वार्टर नैय्यर हसनैन खान ने इस सिलसिले में सभी रेंज के आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि पहले के आदेशों का उल्लंघन का मामला सामने आया है। पुलिस अधिकारियों को साफ निर्देश है कि आदेश को पूरी गंभीरता से लें और इसका पालन करें। इसका हर हफ्ते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से रिव्यू किया जाएगा।

BJP ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण फैसला

पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी होते की सियासी गलियारों तक पहुंच गया। बीजेपी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया तो RJD ने इसे सरकार को फायदा पहुंचाने वाला फायदा बताया है। भाजपा प्रवक्ता अशरफ अंसारी बोले- यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। जाति-धर्म को देखकर पुलिसिंग नहीं की जा सकती है। इससे न्याय और समाज दोनों प्रभावित होगा। सरकार को एक बार फिर से विचार करना चाहिए।

RJD का सरकार पर हमला

राष्ट्रीय जनता दल के नेता वीरेंद्र ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पुलिस मुख्यालय का यह आदेश सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए है। नीतीश सरकार 15 साल से सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है। सरकार लोगों के दिमाग को डायवर्ट करने के लिए जो भी घोषणा करे, लेकिन जनता इस बार जाल में फंसने वाली नहीं है।  अगर नीतीश कुमार की सरकार को ऐसी कोई घोषणा करनी ही थी तो पहले करनी चाहिए थी। 

कांग्रेस ने आदेश को बताया गलत

कांग्रेस भी इस सियासत में कूद पड़ी है। इस आदेश पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा- किसी भी थाने में जाति-धर्म को देखकर नियुक्ति करना गलत है। समाज में हर जाति, समुदाय, धर्म के लोग रहते हैं। जब जाति-धर्म देखकर पोस्टिंग होगी तो न्याय कर पाना मुश्किल हो जाएगा। बिहार सरकार से इस आदेश पर एक बार फिर से विचार करें, ताकि लोगों को न्याय मिल सके।

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