मध्य प्रदेश के गुना की एक तस्वीर…जो देखे उसका दिल रो पड़े…अधिकारियों की इतनी बर्बरता शायद आपने पहले कभी देखी होगी। एक तरफ रोते बिलखते बच्चे अपने मां-बाप को बचाने की कोशिश में हैं। तो वही पुलिस उनके मां बाप को पिटने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्हे जमीन पर घसीटा तक जा रहा है। उनकी पिटाई ऐसे की जा रही है जैसे कोई बेजुबान जानवरो को भी न मारे। लेकिन दलित किसान दंपति के साथ प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने मिलकर जिस तरह से मारपीट की उसे देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाए। जी हा ये वो अधिकारी थे जिन्हे आम लोगों की हिफाजत के लिए रखा जाता है। अपराध को खत्म करने के लिए रखा जाता है। दबंगों की दबंगई से लोगों को बचाने के लिए रखा जाता है। लेकिन यहा तो खुद वो ही लोग दबंगई करते देखे जा रहे है। जिन पर हिफाजत का जिम्मा है। जी हा जिन पर हिफाजत का जिम्मा वही लोग जैसे जान के दुश्मन बन बैठे, वही लोग जान लेने पर उतारू हो गए जिन पर जिम्मेदारी थी इन्हे बचाने की। दरअसल, ये घटना मंगलवार की है जब प्रशासनिक अमला एक जमीन पर से अतिक्रमण हटाने के लिए गया था और उसने राजकुमार अहिरवार नाम के शख्स के खेत में बोई जा चुकी फसल पर जेसीबी चलवा दी। अपनी मेहनत पर पानी फिरता देख राजकुमार से नहीं रहा गया उसने अधिकारियों के सामने काफी मिन्नते की ऐसे न करने के लिए वो अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाता रहा लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी तब उसने मजबूर होकर प्रशासनिक अधिकारियों के सामने कीटनाशक पी लिया उसे देख पत्नि ने भी ऐसा ही किया लेकिन अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा बल्कि ये अधिकारी इस दंपत्ति की पिटाई करते रहे। दलित किसान दंपति के साथ प्रशासन के अधिकारियों की मारपीट का विडियो वायरल होने के बाद इस मामले पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इस विवाद ने जैसे ही तूल पकड़ा तो राजनीति भी गरमा गई। जहा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस पर ट्विटर के जरिए शिवराज सरकार को घेरते हुए लिखा- ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है। ये कैसा जंगल राज है। गुना में कैंट थाना क्षेत्र में एक दलित किसान दंपत्ति पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह बर्बरता पूर्ण लाठीचार्ज।
तो जब बात दलितों के हितों का हो तो भला मायावती कैसे चुप रह सकती थी सो उन्होने भी शिवराज पर वार करते हुए लिखा कि बीजेपी दलितों के हित की बात करती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। कांग्रेस और भाजपा राज में कोई अंतर नहीं।
वही इस पर बवाल बढ़ते देख सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने फौरन ही एक्शन लेते हुए गुना के कलेक्टर और एसपी को हटा दिया और मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए। लेकिन सवाल वही कि ये सरकारी नुमाइंदे कब तक ऐसे ही अपने रूतबे के दम पर लोगों की जिन्दगियों के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे। ये कब समझेंगे कि इन्हे लोगों की मदद के लिए उनके कामों के लिए सरकार ने नौकरी पर रखा है ना कि इस तरह के रवैये के लिए।